उत्तर प्रदेश ऊर्जा परियोजना हेतु सौर ऊर्जा नीति 2022 से संबंधित परियोजनाओं की सहज स्थापना हेतु राजस्व विभाग, उत्तर प्रदेश शासन द्वारा पूर्व में निर्गत शासनादेश संख्या 32/ 744 / एक -1-2016- 20(5 )/2016 दिनांक 3.6 .2016 में आंशिक संशोधन किया गया.
शासनादेश 744/ एक -1- 2016 -20(5) /2016 दिनांक 3 जून 2016 के प्रस्तर 5( 12) में उत्तर प्रदेश में विद्युत ऊर्जा एवं अवस्थापना विकास के सुदृढ़ीकरण हेतु ग्रामीण क्षेत्रों में ग्रामीण विद्युतीकरण की विभिन्न ऊर्जा परियोजनाओं के अंतर्गत स्थापित किए जाने वाले नए
विद्युत उपकेंद्र क्षमता 33/ 11 केवी के साथ अन्य विभव के उप विद्युत उपकेंद्र यथा 132kv ,220kv, 400kv एवं 765kv की अवस्थापना हेतु उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता 2006 की धारा 77 की उपधारा (1) में वर्णित भूमियों यथा- चकरोड, रास्ता, नाली, नाला, पशु चर ,खलिहान, हरावल, खाद के गड्ढे, होलिका स्थल, विद्यालय, पंचायत घर आदि( वह भूमि जिसमें भूमि अधिकार उत्पन्न नहीं होते) से आच्छादित भूमि को छोड़कर
उपलब्धता के आधार पर उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता 2006 की धारा 59 की उपधरा (2 )के खंड (एक),( तीन) तथा (चार) में निर्दिष्ट भूमि को ₹1 प्रति एकड़ सांकेतिक मूल्य दर पर 30 वर्ष के लिए पट्टे पर जिसे बाद में 30- 30 वर्ष पर प्रशासनिक विभाग की आवश्यकता को दृष्टिगत रखते हुए उनके अनुरोधानुसार 90 वर्ष के पट्टे पर उत्तर प्रदेश पावर कारपोरेशन/ वितरण निगमो( मध्यांचल, पूर्वांचल ,पश्चिमांचल, दक्षिणांचल, केस्को व उत्तर प्रदेश पावर ट्रांसमिशन कारपोरेशन लिमिटेड) को उपलब्ध कराई जाएगी .भूमि के सांकेतिक मूल्य के अतिरिक्त मालगुजारी के 150 गुने के बराबर पंजीकृत मूल्य /वार्षिक किराया प्राप्त किया जाएगा .वार्षिक किराया प्रति वर्ष देय होगा.
पुनर्ग्रहित भूमि का मूल्य तथा पंजीकृत मूल्य/ वार्षिक किराया निर्धारित लेखा सिर्फ में जमा किया जाएगा .विद्युत उपकरणों के निर्माण हेतु संबंधित आवासीय/ अनावासीय भवनों के निर्माण हेतु भूमि की उपलब्धता निम्नवत होगी:
(A)33/11के वी
नगरों, बड़े शहरों तथा जिला मुख्यालय हेतु 1.5 एकर
अर्ध शहरी तथा ग्रामीण क्षेत्रों में 2 एकड़
(B)132 केवी 3.5 एकर
(C)220kv 10 एकड़
(D)400kv 50 एकड़
(E)765kv 83 एकड़
यदि प्रदेश में विद्युत सुधार एवं विकास के लिए ग्रामीण क्षेत्रों में ग्रामीण विद्युतीकरण की विभिन्न योजनाओं के अंतर्गत स्थापित किए जाने वाले नए विद्युत उप केंद्रों की स्थापना निजी संस्था के माध्यम से की जाती है तो ऐसी स्थिति में ग्राम पंचायत/ स्थानीय प्राधिकरण के प्रबंधन में निहित भूमि सः शुल्क पुनर्ग्रहण कर नियमानुसार पट्टे पर उपलब्ध कराया जाएगा. धारा 59 की उप धारा( 2) के खंड( एक),( दो),( तीन),( चार),( पांच) तथा (छः) में निर्दिष्ट भूमियों को उपलब्ध कराने की कार्यवाही शासन स्तर से की जाएगी.
संशोधित शासनादेश दिनांक 15 मार्च 2023 के अनुसार “उत्तर प्रदेश सौर ऊर्जा नीति 2022″ से आच्छादित परियोजना के क्रियान्वयन हेतु उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता की धारा 77 (1) की भूमियों को छोड़कर धारा 59 की उप धारा (2) के खंड (एक),(तीन) तथा (चार )की भूमियों को ₹1 प्रति एकड़ सांकेतिक मूल्य दर पर अधिकतम 30 वर्ष के लिए पट्टे पर प्रशासकीय विभाग के रूप में अतिरिक्त ऊर्जा स्रोत विभाग को उपलब्ध कराई जाएगी जो अपने स्तर से परियोजना के क्रियान्वयन हेतु उत्तर प्रदेश नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जाविकास अभिकरण (यूपीनेडा)को उपलब्ध कराया जाएगा.
इसी प्रकार” उत्तर प्रदेश जैव ऊर्जा नीति 2022 “से आच्छादित परियोजना के क्रियान्वयन हेतु धारा 59 की उपधारा (2) के खंड(एक),(तीन)तथा(चार) की भूमि को एक रुपए प्रति एकड़ सांकेतिक मूल्य दर पर अधिकतम 30 वर्ष के लिए पट्टे पर प्रशासकीय विभाग के रूप में अतिरिक्त ऊर्जा स्रोत विभाग को उपलब्ध कराई जाएगी जो अपने स्तर से परियोजना के क्रियान्वयन हेतु उत्तर प्रदेश नवीन एवं नवीकरणीय ऊर्जा विकास अभिकरण (यूपीनेडा) को उपलब्ध कराया जाएगा.
कलेक्टर/ मंडलायुक्त/ शासन को जैव ऊर्जा उद्यमों/ संयंत्रों की स्थापना तथा फील्ड स्टॉक संग्रहण एवं भंडारण हेतु भूमि के क्रय करने की लैंड सीलिंग में छूट की अनुमति के लिए संबंधित निवेशकों/ विकासकर्ताओं के आवेदन प्राप्त होने की तिथि से 60 दिन की समय-सीमा अवधि निर्धारित की गाई है साथ आवेदन देने की तिथि से 60 दिन तक भूमि क्रय करने की अनुमति दिए जाने विषयक आदेश न होने पर भूमि क्रय करने की अनुमति स्वतः मान ली जाएगी.