टॉक्सिक एमाइन्स का पता लगाने के लिए कम्पोजिट मेम्ब्रेन: औद्योगिक आपदाओं को रोकने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम
विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी मंत्रालय के तहत नव विकसित कम्पोजिट मेम्ब्रेन, जिसे मिक्स्ड मैट्रिक्स मेम्ब्रेन (MMM) भी कहा जाता है, ने उद्योगों में टॉक्सिक एमाइन्स का पता लगाने के लिए एक प्रभावी समाधान प्रदान किया है। ये मेम्ब्रेन, जो दो या दो से अधिक सामग्रियों से बनी होती हैं, विभिन्न एमाइन्स के भाप के संपर्क में आने पर रंग में उल्लेखनीय परिवर्तन दिखाती हैं। यह रंग परिवर्तन प्रयोगशालाओं और औद्योगिक सेटिंग्स में अमोनिया या अन्य एमाइन्स के रिसाव का जल्दी और सटीक पता लगाने में सहायक होता है, जिससे संभावित आपदाओं को रोका जा सकता है।
एमाइन्स और उनकी विषाक्तता का महत्व
अमोनिया और अन्य एलिफैटिक एमाइन्स का उपयोग रसायन, उर्वरक, और खाद्य उद्योगों में कच्चे माल या मध्यवर्ती उत्पादों के रूप में बड़े पैमाने पर किया जाता है। हालांकि, ये एमाइन्स अत्यधिक विषाक्त और संक्षारक होते हैं, जो पर्यावरण में फैलने पर गंभीर खतरे पैदा कर सकते हैं। एमाइन्स के सीधे संपर्क से गंभीर श्वसन में जलन और त्वचा जलने जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। ओशा (OSHA) ने कार्यस्थल में एनएच3 (अमोनिया) के लिए सीमा 50 पीपीएम निर्धारित की है, और इससे ऊपर की सांद्रता गंभीर और घातक स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकती है। इसलिए, इन एमाइन्स का विभिन्न रूपों में पता लगाना, चाहे वह भाप हो या तरल, पर्यावरण और जल निगरानी के लिए बेहद महत्वपूर्ण है।
नवीन तकनीक और सामग्री
इस दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में, इंस्टीट्यूट ऑफ नैनो साइंस एंड टेक्नोलॉजी (INST), मोहाली के अनुसंधान दल ने अल्ट्राथिन 2डी एमओएफ (मेटल-ऑर्गेनिक फ्रेमवर्क) नैनोशीट्स का विकास किया है। ये नैनोशीट्स न केवल अत्यधिक जल-स्थिर हैं, बल्कि एक अद्वितीय “टर्न-ऑन” फ्लोरेसेंस प्रक्रिया के माध्यम से एलिफैटिक एमाइन्स और अमोनिया का पता लगाने में असाधारण संवेदनशीलता प्रदर्शित करती हैं। यह प्रक्रिया उद्योगों में टॉक्सिक एमाइन्स के प्रभावी और वास्तविक समय में पहचान के लिए अत्यधिक उपयुक्त है।
औद्योगिक सुरक्षा में क्रांति
मिक्स्ड मैट्रिक्स मेम्ब्रेन (MMM) के माध्यम से, विभिन्न प्रकार के एमाइन वाष्पों को आसानी से पहचाना जा सकता है। ये मेम्ब्रेन पुन: प्रयोग के योग्य हैं और एमाइन्स का वास्तविक समय में पता लगाने में सक्षम हैं, जिससे कार्यस्थल में गैस रिसाव का जल्दी पता लगाया जा सकता है और बड़ी आपदाओं को रोका जा सकता है।
इस नवाचार से न केवल औद्योगिक सुरक्षा में वृद्धि होगी, बल्कि पर्यावरणीय जोखिमों को भी कम किया जा सकेगा। जर्नल नैनोस्केल में प्रकाशित इस शोध ने व्यावहारिक अनुप्रयोगों में नैनोमटेरियल्स की संभावनाओं को बढ़ावा दिया है, जो आने वाले समय में उद्योगों के लिए एक महत्वपूर्ण समाधान बन सकता है।
निष्कर्ष
कुल मिलाकर, कम्पोजिट मेम्ब्रेन का विकास टॉक्सिक एमाइन्स का प्रभावी ढंग से पता लगाने और औद्योगिक आपदाओं को रोकने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह नवाचार उद्योगों में सुरक्षा मानकों को बढ़ाने और पर्यावरण की सुरक्षा सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।