मिट्टी खनन हेतु परमिशन कैसे लें?

मिट्टी खनन हेतु परमिशन


क्या मिट्टी खनिज है?

मिट्टी खनन हेतु परमिशन: भारत सरकार के खान मंत्रालय द्वारा बांधों , सड़कों, रेल मार्गो ,भवनों आदि के निर्माण के लिए भराई या समतल करने के उद्देश्य से प्रयुक्त सामान्य मिट्टी को उप खनिज घोषित किया गया है .

मिट्टी खनन हेतु कब परमिशन की जरूरत नही है?

उत्तर प्रदेश उप खनिज( परिहार )नियमावली 1963 (यथा संशोधित) के नियम 3 के अंतर्गत 2 मीटर की गहराई तक सामान्य मिट्टी को निकालने की क्रिया खनन गतिविधियों के अंतर्गत नहीं माना गया है.

मिट्टी खनन हेतु परमिशन किस प्रकार लिया जा सकता है?

मिट्टी की उपलब्धता के संबंध में जनसामान्य की समस्याओं को दृष्टिगत रखते हुए उत्तर प्रदेश उप खनिज (परिहार) नियमावली 2018 द्वारा साधारण मिट्टी की रॉयल्टी शून्य कर दी गई है. साधारण मिट्टी की रॉयल्टी शून्य होने के पश्चात इस संबंध में स्पष्ट प्रक्रिया ना होने के कारण जन सामान्य के उत्पीड़न एवं अवैध खनन की शिकायतों की संख्या बढ़ने लगी, इस कारण सरकार द्वारा मिट्टी खनन हेतु परमिशन के लिए निम्नलिखित कानूनी प्रावधान निर्धारित किए गए हैं:

1.. 100 घन मीटर साधारण मिट्टी के खनन /परिवहन हेतु विभागीय पोर्टल upminemitra.in पर अप्लाई कर पंजीकरण करना अनिवार्य कर दिया गया है. 100घन मीटर से कम के लिए अनुज्ञा पत्र (परमिशन) की आवश्यकता नहीं होती है. पंजीकरण हेतु नाम, पता, मोबाइल नंबर ,ईमेल आईडी भरकर लॉगइन करना होता है. लॉग इन करने के उपरांत आवेदक का नाम, मोबाइल नंबर, ईमेल आईडी, साधारण मिट्टी की मात्रा, खतौनी ,मानचित्र सहित भूस्वामी की सहमति, खनन का प्रयोजन, आवेदित खनन क्षेत्र का पूर्ण विवरण, यथा जनपद -तहसील ,ग्राम, गाटा संख्या, कुल क्षेत्रफल ,परिवहन किए जाने वाले वाहन का प्रकार व अन्य आवश्यक विवरण अपलोड करना अनिवार्य होगा

.पंजीकरण प्रमाणपत्र ही परमिशन के रूप में माना जाएगा .इसके लिए अलग से ई-एमएम- 11 की आवश्यकता नहीं होगी. पंजीयन प्रमाण पत्र अधिकतम दो माह अथवा मात्रा की निकासी पूर्ण होने, जो भी पहले घटित हो, के लिए मान्य होगा .आवेदक द्वारा सार्वजनिक संपत्ति, संवेदनशील क्षेत्रों से मानक के अनुसार न्यूनतम सुरक्षा दूरी को छोड़कर खनन कार्य किए जाने संबंधी स्वघोषणा अपलोड की जाएगी .भूमि के स्वामित्व, भूमिधर की सहमति ,सुरक्षा मांग से संबंधित स्व घोषणा आदि गलत पाए जाने पर पोर्टल के माध्यम से संबंधित जिलाधिकारी द्वारा पंजीकरण समाप्त किया जा सकता है, जिसकी सूचना आवेदक को ईमेल /मोबाइल नंबर पर मैसेज के माध्यम से प्रेषित की जाती है.

2.. साधारण मिट्टी 100 घन मीटर से अधिक के खनन/ परिवहन हेतु परमिशन प्राप्त करने के संबंध में उपरोक्त अनुसार ही ऑनलाइन आवेदन किया जाता है. आवेदक द्वारा किए गए ऑनलाइन आवेदन पत्र की जांच जिलाधिकारी द्वारा कराई जाती है.आवेदन पत्र स्वीकृत/ स्वीकृत किया जा सकता है.

यदि आवेदन स्वीकृत किया जाता है तो खनन की परमिशन ऑनलाइन ही जारी की जाती है. आवेदन प्रस्तुत करने की तिथि से 7 दिन के अंदर उक्त कार्रवाई पूर्ण की जाती है. नियत अवधि में परमिशन निर्गत ना होने की दशा में परमिशन स्वतः निर्गत माना जाएगा. परमिशन निर्गत होने के उपरांत साधारण मिट्टी के परिवहन हेतु ई-एमएम-11 की कार्रवाई निदेशक भूतत्व एवं खनिकर्म उत्तर प्रदेश द्वारा ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से की जाएगी.

खनन परमिशन की अवधि अधिकतम 6 होती है जो स्वीकृत मात्रा एवं परिवहन के संसाधनों के आधार पर जिलाधिकारी द्वारा निर्धारित किया जाएगा. परमिशन में उल्लिखित साधारण मिट्टी की मात्रा के निकासी पूर्ण होने तथा परमिशन की अवधि समाप्त होने, जो भी पहले घटित हो, कि दिनांक से परमिशन स्वतः निरस्त माना जाएगा. मिट्टी के संवेदनशील खनन क्षेत्र से खनन गतिविधियां प्रतिबंधित किए जाने अथवा किसी सार्वजनिक संपत्ति की सुरक्षा के दृष्टिगत सुरक्षात्मक दूरी निर्धारित करने का अधिकार जिलाधिकारी में निहित है. स्थानीय स्थिति तथा परिवेश को ध्यान में रखते हुए जिलाधिकारी द्वारा अन्य शर्तें लगाई जा सकती हैं.

3.. उपरोक्त यथास्थिति ऑनलाइन पंजीकरण या खनन परमिशन के बिना साधारण मिट्टी का खनन अवैध खनन की श्रेणी में माना जाएगा और इस संबंध में खान एवं खनिज (विकास एवं विनियमन )अधिनियम 1957 की धारा 21(1 )के अंतर्गत कार्रवाई की जाती है.









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