लोक उपयोगिता की भूमि
ग्राम पंचायत /स्थानीय प्राधिकरण के प्रबंधन में निहित सार्वजनिक उपयोग की सुरक्षित श्रेणी की भूमियां यथा -पशुचर ,खलिहान, हड़ावर, खाद के गड्ढे, होली का स्थल, विद्यालय, पंचायत घर आदि को सार्वजनिक उपयोग हेतु सुरक्षित रखा जाना आवश्यक है. ऐसी भूमियों अर्थात लोक उपयोगिता की भूमि का श्रेणी परिवर्तन लगातार किया जाना उचित नहीं है ऐसी भूमियों की श्रेणी में परिवर्तन एवं विनिमय की कार्यवाही अपरिहार्य परिस्थितियों में की जाएगी .लोक प्रयोजन की भूमि के श्रेणी परिवर्तन को हतोत्साहित किए जाने की आवश्यकता है.
राज्य सरकार के वाणिज्यिक विभागों ,भारत सरकार के विभागों तथा निजी उद्योगों /निजी कंपनियों /निजी संस्थाओं/ न्यास से जितनी भूमि का श्रेणी परिवर्तन किया जाना अपेक्षित है उतनी भूमि हेतु संस्था से श्रेणी परिवर्तन शुल्क लिया जाएगा लोक प्रयोजन की भूमि की श्रेणी में परिवर्तन की कार्यवाही शासन स्तर पर की जाएगी.
लोक प्रयोजन की भूमि के श्रेणी परिवर्तन हेतु निम्नलिखित सामान्य सिद्धांत निर्धारित किए गए हैं:
राजस्व अनुभाग-1 द्वारा निर्गत शासनादेश संख्या- 33 /745/ एक -1-2016 20(5)/ 2016 द्वारा ग्राम पंचायतों/ स्थानीय प्राधिकरणों के प्रबंधन में निहित लोक उपयोगिता की भूमि के श्रेणी परिवर्तन हेतु सामान्य सिद्धांतों का निर्धारण किया गया है.
1. लोक प्रयोजन के लिए क्रय, अर्जित या पुनर्ग्रहित किए गए भूखंड या भूखंडों से घिरी है अथवा उसके या उसके बीच में होने की दशा में, लोक उपयोगिता भूमि के श्रेणी में परिवर्तन पर विचार किया जाएगा.
2. किसी लोक प्रयोजन भूमि के श्रेणी में परिवर्तन अपवादात्मक प्रकरणों में ही अनुमन्य होगा. राजस्व परिषद तथा कलेक्टर द्वारा लोक प्रयोजन की भूमि के श्रेणी परिवर्तन का प्रस्ताव अपवादात्मक प्रकरणों में और औचित्यपूर्ण कारणों का उल्लेख करते हुए स्पष्ट संस्तुति सहित शासन को उपलब्ध कराया जाएगा.
3. ऐसी भूमियों की श्रेणी में परिवर्तन तथा उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता 2006 की धारा 101 के अधीन विनिमय की कार्यवाही अपरिहार्य परिस्थितियों में की जाएगी. सुरक्षित श्रेणी की इन भूमियों के श्रेणी में परिवर्तन एवं विनिमय की कार्यवाही हेतु राज्य सरकार के सेवारत विभागों ,नवोदय विद्यालय/ केंद्रीय विद्यालय हेतु निशुल्क तथा राज्य सरकार के वाणिज्यिक विभागों, भारत सरकार के विभागों तथा निजी उद्योगों/ निजी कंपनियों/ निजी संस्थाओं /न्यास से श्रेणी परिवर्तन शुल्क कलेक्टर द्वारा निर्धारित सर्किल रेट के 25% के बराबर धनराशि लेखा शीर्षक “00 29 -भू राजस्व -800 -अन्य प्राप्तियों- 08- मालिकाना राजस्व- 0806- प्रकीर्ण प्राप्तियों में जमा कराया जाएगा.
4 यदि जिलाधिकारी द्वारा इस आशय का प्रमाण पत्र दिया जाता है कि क्रय/अधिग्रहित भूमि के मध्य स्थित सार्वजनिक उपयोग की सुरक्षित भूमि की श्रेणी की भूमियों कि वर्तमान में सार्वजनिक उपयोगिता नहीं रह गई है तो ऐसी भूमियों की श्रेणी में परिवर्तन कर राज्य सरकार के सेवारत विभागों ,नवोदय विद्यालय/ केंद्रीय विद्यालय हेतु निशुल्क तथा राज्य सरकार के वाणिज्य विभागों ,भारत सरकार के विभागों तथा निजी उद्योगों/ निजी कंपनियों/ निजी संस्थाओं /न्यास हेतु स शुल्क लोक प्रयोजन की भूमिका श्रेणी परिवर्तन कर नियमानुसार पुनग्रहण के माध्यम से भूमि को उपलब्ध कराया जाएगा.
5. यदि ऐसी भूमियों की श्रेणी परिवर्तन से गंभीर विवाद की स्थिति पैदा होने की संभावना है तो ऐसी भूमियों का श्रेणी परिवर्तन नहीं किया जाएगा. जहां यह अत्यंत आवश्यक हो वहां वैकल्पिक व्यवस्थाएं या अन्य व्यवस्थाएं जिससे उक्त आशंका की स्थिति ना रहे करके ही, श्रेणी परिवर्तन किया जाएगा .इस आशय का प्रमाण पत्र कलेक्टर द्वारा उपलब्ध कराया जाएगा.
6. कब्रिस्तान ,शमशान तथा धार्मिक स्थलों का श्रेणी श्रेणी परिवर्तन नहीं किया जाएगा और यदि ऐसी भूमि क्रय/ अधिग्रहित भूमि की सीमा के भीतर आती हो तो संस्था द्वारा इसके सार्वजनिक प्रयोग हेतु संपर्क मार्ग दिया जाएगा. यदि किन्हीं विशेष परिस्थितियों में उनमें से किसी एक का श्रेणी परिवर्तन करना अनिवार्य हो तो वैकल्पिक व्यवस्था करना तथा कलेक्टर द्वारा यह देख लेना आवश्यक होगा कि ऐसी भूमियों के श्रेणी परिवर्तन से किसी धार्मिक उत्तेजना की आशंका तो नहीं है. यदि हां, तो ऐसी भूमियों की श्रेणी परिवर्तन का प्रस्ताव शासन को प्रेषित नहीं किया जाएगा.
7. कलेक्टर द्वारा इस आशय का प्रमाण पत्र दिया जाएगा कि राज्य सरकार के सेवारत विभागों, नवोदय विद्यालय /केंद्रीय विद्यालय हेतु लोक उपयोगिता की भूमि के श्रेणी परिवर्तन की अपरिहार्यता है. इसके संबंध में औचित्यपूर्ण कारणों सहित लोक प्रयोजन की भूमि के श्रेणी परिवर्तन की जाने वाली भूमि के बराबर ही उसी ग्राम पंचायत /स्थानीय प्राधिकरण जैसी भी स्थिति हो ,कि सामान्य भूमि (सार्वजनिक उपयोग कि नहीं) उसी सार्वजनिक उपयोग के लिए आरक्षित कर लिए जाने का विवरण उपलब्ध कराया जाता है तो ऐसी स्थिति में राज्य सरकार के सेवारत विभागों, नवोदय विद्यालय/ केंद्रीय विद्यालय की स्थापना हेतु लोक उपयोगिता की भूमि की श्रेणी में परिवर्तन कर निशुल्क विनिमय द्वारा भूमि उपलब्ध कराया जाएगा.
8 राज्य सरकार की वाणिज्यिक विभागों ,भारत सरकार के विभागों तथा निजी क्षेत्र को लोग उपयोगिता भूमि का श्रेणी परिवर्तन कर सशुल्क विनिमय के माध्यम से उपलब्ध कराया जाएगा अर्थात संस्था द्वारा उसी ग्राम पंचायत में अवस्थित योजना की अपने स्वामित्व की भूमि से ग्राम पंचायत की भूमि का विनिमय किया जाएगा. यदि स्वामित्व में भूमि नहीं है तो क्रय या अन्य प्रकार से प्राप्त कर विनिमय हेतु उपलब्ध कराई जाएगी. विनिमय क्षेत्रफल के आधार पर ना होकर उपयोगिता के आधार पर होगा.
9. कलेक्टर द्वारा लोक प्रयोजन की भूमि का श्रेणी परिवर्तन का प्रस्ताव संगत अभिलेखों यथा खसरा खतौनी भू मानचित्र जिसमें परियोजना /योजना की सीमाओं को प्रदर्शित करते हुए सार्वजनिक उपयोग की भूमियों को हरे रंग से तथा संस्था की भूमि को लाल रंग से, गाटा संख्या, रकबा, भूमि की श्रेणी /प्रकृति, दोनों भूमियों के मध्य दूरी, संपर्क मार्ग, श्रेणी परिवर्तन का कारण व और औचित्य का उल्लेख करते हुए स्पष्ट अभिमत संस्तुति सहित संबंधित प्रशासनिक विभाग को उपलब्ध कराया जाएगा .संबंधित प्रशासनिक विभाग स्पष्ट संस्तुति सहित प्रस्ताव र राजस्व अनुभव -1 को उपलब्ध कराएंगे.
10 संबंधित प्रशासकीय विभाग से स्पष्ट संस्तुति सहित प्रस्ताव प्राप्त होने पर गुण दोष के आधार पर लोक प्रयोजन की भूमि के श्रेणी परिवर्तन पर राजस्व विभाग ,उत्तर प्रदेश शासन द्वारा निर्णय लिया जाएगा.
11. लोक प्रयोजन की भूमि का श्रेणी परिवर्तन का आदेश प्राप्त होने पर कलेक्टर अधिकार अभिलेख खतौनी और मानचित्र में तदनुसार संशोधन की कार्यवाही 15 दिन में पूर्ण करेंगे.
राजस्व अनुभाग-1 द्वारा निर्गत शासनादेश संख्या -11/ 2020/ 689/ एक-1- 2020- 20(5) /2016 दिनांक 6 जुलाई 2020 द्वारा निम्न व्यवस्था दी गई है:-
1. राज्य सरकार के सेवारत विभाग हेतु ग्राम पंचायतों/ स्थानीय प्राधिकरण के प्रबंधन में निहित भूमियों के श्रेणी परिवर्तन, पुनर्ग्रहण एवं विनिमय कर उपलब्ध कराने की कार्यवाही संबंधित जनपदों के कलेक्टर द्वारा की जाएगी.
2. विनिमय की शक्तियां उन दशाओं में जहां राज्य सरकार के वाणिज्य विभाग के लिए तथा जहां वह भारत सरकार के किसी विभाग के लिए अपेक्षित हो, रुपए 40 लाख की वस्तुओं हेतु संबंधित जनपदों के कलेक्टरों तथा रुपए 40 लाख से अधिक की वस्तुओं हेतु मंडलआयुक्तों को प्रत्यायोजित किया गया है. इस प्रकार राज्य सरकार के वाणिज्य विभाग के लिए तथा जहां वह भारत सरकार के किसी विभाग हेतु ग्राम पंचायतों/ स्थानीय प्राधिकरणों की प्रबंधन में निहित भूमियों की श्रेणी परिवर्तन , पुनर्ग्रहण एवं विनिमय कर उपलब्ध कराने की कार्यवाही कलेक्टर तथा मंडल आयुक्त द्वारा की जाएगी..