Transforming agriculture : Key insights into Uttar Pradesh Food Processing Industry Policy 2023

Food Processing
Food Processing unit

Uttar Pradesh Food Processing Industry Policy 2023

The Uttar Pradesh Food Processing Industry Policy 2023 aims to boost the food processing sector in the state, encouraging value addition, reducing post-harvest losses, and increasing farmer income. With generous subsidies and incentives, this policy focuses on modernizing infrastructure, adopting advanced technologies, and fostering exports, positioning Uttar Pradesh as a leader in food processing. The policy also emphasizes women’s entrepreneurship and the use of renewable energy to power processing units.


Key highlights of the Uttar Pradesh Food Processing Industry Policy 2023

1. Subsidies

  • Capital Subsidy for New Units: A 35% subsidy on the incurred cost of plant, machinery, and civil work for establishing food processing industries, with a cap of ₹5 crore.
  • Subsidy for Expansion and Modernization: A 25% subsidy on the cost for expanding or modernizing food processing units, with a maximum subsidy of ₹1 crore​.
  • Solar Power Projects Subsidy: A 50% subsidy for solar power utilities in rural areas, increasing to 90% for women entrepreneurs​.
  • Freight Subsidy: A 25% subsidy on transportation costs for exports, excluding shipments to Nepal, Bhutan, and Bangladesh​.

2. Land acquisition and fees

  • Land Acquisition: Permission to purchase agricultural land exceeding 12.5 acres for food processing industries (FPIs) to facilitate large-scale projects​.
  • Exemption from Conversion Charges: 50% rebate on the fees for land use conversion (CLU) for land earmarked for food processing​.
  • Stamp Duty Exemption: Full exemption (100%) from stamp duty on land purchased for establishing food processing industries​.

3. Tax exemptions and rebates

  • Exemption from Mandi Fees and Cess: Food processing units are exempt from paying mandi fees on agricultural produce procured both from Uttar Pradesh and other states. Additionally, produce sold directly by farmers to these units is also exempt from fees​.
  • External Development Charges: Rebates of up to 75% on external development charges for FPIs set up on undeveloped land​.

4. Infrastructure development and modernization

  • Cold Chain and Value Addition: A subsidy of 35% on cold chain and value addition infrastructure, including facilities like frozen storage and deep freezers. The maximum grant under this scheme is ₹10 crore​.
  • Agro-Processing Clusters: For agro-processing clusters with a minimum of five food processing units, a grant of 35% of the project cost is provided, with a cap of ₹10 crore​.
  • Creation of Backward and Forward Linkages: A subsidy of 35% for establishing backward and forward linkages, with a maximum grant of ₹5 crore​.

5. Support for modern technology and startups

  • Technological Support: Up to ₹5 crore support for startups engaged in agri-value chain development and decision-making using modern technology​.
  • Interest Subsidy for Reefer Vehicles: Full reimbursement of interest for five years on loans taken to purchase reefer vehicles and mobile pre-cooling vans, capped at ₹50 lakh​.


Food processing industry in Uttar Pradesh: Current scenario and vision

Currently, Uttar Pradesh processes only 6% of its total agricultural produce, compared to a national average of 10%, with a target to increase processing to 20% in the coming years​.

RegionLevel of Processing (%)
Uttar Pradesh6
India10
Western Countries70
China30
Brazil70
processing figure (in %)

Production and processing comparison

Uttar Pradesh leads in the production of major crops like wheat, sugarcane, mango, and potatoes but lags in processing and exports​.

CommodityProduction Rank in IndiaProcessing Rank in India
Wheat1st3rd
Sugarcane1st2nd
Mango1st6th
Potato1st6th
Ranking in production and processing.

Special focus areas in the Uttar Pradesh Food Processing Industry Policy 2023

1. Women entrepreneurs

The policy provides a 90% subsidy on solar power projects for food processing units owned and operated by women in rural areas​.

2. Decentralized processing and storage

Self-help groups (SHGs), farmer producer organizations (FPOs), and farmers are eligible for up to 50% subsidy on decentralized processing and storage projects, capped at ₹50 lakh​.


Conclusion

The Uttar Pradesh Food Processing Industry Policy 2023 is a robust initiative aimed at transforming the state’s food processing sector through various financial incentives and subsidies. By promoting infrastructure development, technological advancements, and value addition, this policy seeks to bridge the gap between agriculture and industry, ultimately contributing to the state’s economy and generating employment.


उत्तर प्रदेश खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति 2023

उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा शुरू की गई खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति 2023 का उद्देश्य राज्य को खाद्य प्रसंस्करण का एक प्रमुख केंद्र बनाना है। इस नीति के तहत विभिन्न वित्तीय प्रोत्साहनों, बुनियादी ढांचे के समर्थन, और सुगम प्रक्रियाओं के माध्यम से निवेश को आकर्षित करने का प्रयास किया जा रहा है। इसका मुख्य लक्ष्य कृषि उत्पादों में मूल्य संवर्धन को बढ़ावा देना, रोजगार सृजन करना, और फसल कटाई के बाद होने वाले नुकसान को कम करना है।


उत्तर प्रदेश खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति 2023 के प्रमुख बिंदु

1. नई और मौजूदा इकाइयों के लिए सब्सिडी

  • नई इकाइयों के लिए पूंजी सब्सिडी: संयंत्र, मशीनरी और सिविल वर्क पर खर्च की गई राशि का 35% सब्सिडी दी जाएगी, जिसकी अधिकतम सीमा ₹5 करोड़ है​।
  • विस्तार और आधुनिकीकरण के लिए सब्सिडी: मौजूदा इकाइयों के विस्तार या उन्नयन पर 25% सब्सिडी, जिसकी अधिकतम सीमा ₹1 करोड़ होगी​।

2. भूमि अधिग्रहण और संबंधित छूट

  • 12.5 एकड़ से अधिक भूमि खरीदने की अनुमति: खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों को 12.5 एकड़ से अधिक कृषि भूमि खरीदने की अनुमति दी जाएगी​(Food-Policy_Purchasing-…)।
  • भूमि उपयोग शुल्क से छूट: कृषि भूमि को गैर-कृषि उपयोग के लिए परिवर्तित करने पर 2% शुल्क से छूट दी जाएगी​।
  • स्टाम्प शुल्क से छूट: खाद्य प्रसंस्करण उद्योगों की स्थापना के लिए खरीदी गई भूमि पर 100% स्टाम्प शुल्क की छूट​।

3. कर में छूट

  • मंडी शुल्क से छूट: अन्य राज्यों से खरीदी गई कृषि उपज, जिसे उत्तर प्रदेश में प्रसंस्करण के लिए लाया गया है, उस पर कोई मंडी शुल्क या उपकर नहीं लगेगा​।
  • सीधी बिक्री पर छूट: किसान सीधे प्रसंस्करण इकाइयों को अपनी उपज बेच सकते हैं, जिससे उन्हें अधिक कीमत मिलेगी और मंडी शुल्क से छूट मिलेगी​।

4. बुनियादी ढांचे के विकास का समर्थन

  • कोल्ड चेन और मूल्य संवर्धन अवसंरचना: कोल्ड चेन अवसंरचना के विकास के लिए 35% सब्सिडी और जमे हुए भंडारण, डीप फ्रीजर और मूल्य संवर्धन उपकरणों के लिए 50% तक की सब्सिडी, जिसकी अधिकतम सीमा ₹10 करोड़ होगी​।
  • एग्रो-प्रोसेसिंग क्लस्टर: कम से कम 5 खाद्य प्रसंस्करण इकाइयों के लिए 35% अनुदान, जिसमें न्यूनतम ₹25 करोड़ का निवेश होगा। प्रत्येक क्लस्टर के लिए अधिकतम ₹10 करोड़ तक का अनुदान मिलेगा​।

5. निर्यात और प्रौद्योगिकी को बढ़ावा

  • फ्रेट सब्सिडी: नेपाल, भूटान, और बांग्लादेश को छोड़कर निर्यात पर 25% की फ्रेट सब्सिडी दी जाएगी​।
  • रीफर वाहनों पर ब्याज सब्सिडी: रीफर वाहन और मोबाइल प्री-कूलिंग वैन के लिए 5 वर्षों तक ब्याज सब्सिडी, जिसकी अधिकतम सीमा ₹50 लाख होगी​।
  • सौर ऊर्जा पर सब्सिडी: ग्रामीण क्षेत्रों में सौर ऊर्जा परियोजनाओं पर 50% सब्सिडी और महिला उद्यमियों के लिए 90% सब्सिडी​।


उत्तर प्रदेश खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति 2023 के विस्तृत उद्देश्य

खाद्य प्रसंस्करण के स्तर को बढ़ाना

नीति का मुख्य उद्देश्य उत्तर प्रदेश में खाद्य प्रसंस्करण के स्तर को बढ़ाना है, जो वर्तमान में केवल 6% है, जबकि राष्ट्रीय औसत 10% है। नीति का लक्ष्य इसे 20% तक बढ़ाना है, जिससे कृषि उत्पादों में अधिक मूल्य संवर्धन होगा​।

देशखाद्य प्रसंस्करण स्तर
भारत10%
उत्तर प्रदेश6%
चीन30%
पश्चिमी देश70%
खाद्य प्रसंस्करण आंकड़ा (प्रतिशत में)

किसानों का समर्थन और अपव्यय को कम करना

  • यह नीति फसल कटाई के बाद होने वाले नुकसान को कम करने के लिए सब्सिडी और अनुदान प्रदान करती है​।
  • सीधे प्रसंस्करण इकाइयों को बिक्री करने वाले किसानों को मंडी शुल्क से छूट मिलती है, जिससे बेहतर मूल्य मिलता है​।

उत्तर प्रदेश खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति 2023 के लक्षित क्षेत्र

यह नीति मुख्य रूप से गेहूं, गन्ना, आम, आलू, मटर और दूध जैसे प्रमुख कृषि और बागवानी उत्पादों के प्रसंस्करण क्षमता को बढ़ाने पर केंद्रित है​। ये क्षेत्र उत्तर प्रदेश की कृषि उत्पादन का मुख्य आधार हैं, लेकिन इनका प्रसंस्करण और निर्यात कम है।

उत्पादउत्पादन में रैंकप्रसंस्करण में रैंक
गेहूं1st3rd
गन्ना1st2nd
आम1st6th
आलू1st6th
उत्पादन व प्रसंस्करण की रैंकिंग

क्लस्टर विकास

  • नीति एग्रो-प्रोसेसिंग क्लस्टर के निर्माण को बढ़ावा देती है, जिसमें किसानों और प्रसंस्करण इकाइयों के बीच बेहतर संपर्क स्थापित होता है​।
  • प्रत्येक क्लस्टर में कम से कम 5 इकाइयाँ होंगी, जिनमें ₹25 करोड़ का न्यूनतम निवेश होगा​।

प्रौद्योगिकी का समावेश

नीति कृषि-मूल्य श्रृंखला में उत्पादकता और साक्ष्य-आधारित निर्णय लेने के लिए ब्लॉकचेन और एआई जैसी आधुनिक तकनीकों को अपनाने को बढ़ावा देती है​।


अंत में

उत्तर प्रदेश खाद्य प्रसंस्करण उद्योग नीति 2023 एक समग्र नीति है जिसका उद्देश्य राज्य के खाद्य प्रसंस्करण उद्योग में परिवर्तन लाना है। यह निवेशकों, किसानों और उद्यमियों के लिए वित्तीय प्रोत्साहन, बुनियादी ढांचा समर्थन और व्यापार में आसानी प्रदान करती है। कोल्ड चेन अवसंरचना को बढ़ावा देकर, कर में छूट प्रदान करके, और आधुनिक प्रौद्योगिकी को अपनाने से यह नीति उत्तर प्रदेश को खाद्य प्रसंस्करण उद्योग में एक अग्रणी राज्य बनाने की दिशा में अग्रसर है.



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