Ashtalakshmi Mahotsav

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Ashtalakshmi Mahotsav
Source:pib


Celebrating the cultural and economic legacy of Northeast India – Launch of ‘Ashtalakshmi Mahotsav’ website

In a significant move to spotlight the rich cultural heritage and economic potential of Northeast India, Union Minister for Communications and Development of the North Eastern Region (DoNER), Shri Jyotiraditya M. Scindia, launched the official website for the Ashtalakshmi Mahotsav on September 13, 2024. The launch took place at Sanchar Bhawan, New Delhi, marking the government’s unwavering commitment to promoting the region on both national and global stages.

The Ashtalakshmi Mahotsav, scheduled to be held from December 6th to 8th, 2024, at Bharat Mandapam, Pragati Maidan, New Delhi, is an event dedicated to celebrating the cultural, textile, and economic wealth of the eight Northeastern states—Arunachal Pradesh, Assam, Manipur, Meghalaya, Mizoram, Nagaland, Sikkim, and Tripura. These states are collectively referred to as “Ashtalakshmi,” symbolizing eight forms of prosperity.

Ashtalakshmi Mahotsav website launch and features

The newly launched website, www.ashtalakshmimahotsav.com, serves as the primary platform for updates, event schedules, and participation details. It provides users with essential information about the Mahotsav and will act as a hub for seamless engagement for both national and international participants.

While launching the website, Shri Jyotiraditya M. Scindia emphasized the importance of the Ashtalakshmi Mahotsav as a means of bridging the cultural and economic divide between the Northeast and the rest of the country. He noted, “The Ashtalakshmi Mahotsav will not only showcase the cultural richness of the Northeast but also serve as a catalyst for economic development, creating new opportunities for artisans, weavers, and entrepreneurs from the region.

Highlights of the Ashtalakshmi Mahotsav

The Ashtalakshmi Mahotsav promises to be a vibrant celebration blending fashion, culture, and business. Some key highlights of the festival include:

  • Textile Pavilions: Special showcases of the Northeast’s famous Muga and Eri Silk.
  • Crafts Demonstrations: Live artisanal craft-making sessions, where visitors can witness the intricate craftsmanship of the region.
  • Geographical Indication (GI) Products: A dedicated section for products that hold GI status, promoting the unique offerings from the Northeast.
  • Fashion Show and Design Conclave: Featuring designers and models showcasing the beauty and elegance of Northeast India’s traditional textiles.
  • Buyer-Seller Meet: Providing a platform for artisans, weavers, and entrepreneurs to connect with potential buyers and investors.
  • Investment Round Table: Focused discussions on creating long-term economic impact in the region through investment in textiles, crafts, and other sectors.

These events aim to bring together different stakeholders, facilitating collaborations that will not only boost the local economy but also elevate the global presence of Northeast India’s unique cultural assets.

Promoting the Northeast’s economy

The Ashtalakshmi Mahotsav is set to be a significant step toward the economic empowerment of the Northeast. By providing a platform for artisans, weavers, and entrepreneurs from the region, the event will help promote local businesses and their traditional crafts to a broader audience. The fashion shows, buyer-seller meets, and investment round tables will help build long-term collaborations and business opportunities, benefiting the region’s economy as a whole


उत्तर-पूर्व भारत की सांस्कृतिक और आर्थिक विरासत का उत्सव – ‘अष्टलक्ष्मी महोत्सव’ वेबसाइट का शुभारंभ

उत्तर-पूर्व भारत की समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर और आर्थिक क्षमता को बढ़ावा देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम के रूप में, संचार और उत्तर-पूर्वी क्षेत्र विकास मंत्रालय (DoNER) के केंद्रीय मंत्री श्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया ने 13 सितंबर 2024 को अष्टलक्ष्मी महोत्सव की आधिकारिक वेबसाइट का शुभारंभ किया। यह लॉन्च संचार भवन, नई दिल्ली में हुआ, जिससे सरकार की इस क्षेत्र को राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर बढ़ावा देने की प्रतिबद्धता प्रकट हुई।

अष्टलक्ष्मी महोत्सव का आयोजन 6 से 8 दिसंबर 2024 के बीच भारत मंडपम, प्रगति मैदान, नई दिल्ली में होगा। यह महोत्सव आठ पूर्वोत्तर राज्यों—अरुणाचल प्रदेश, असम, मणिपुर, मेघालय, मिजोरम, नागालैंड, सिक्किम और त्रिपुरा—की सांस्कृतिक और आर्थिक समृद्धि का उत्सव होगा। इन राज्यों को सामूहिक रूप से “अष्टलक्ष्मी” कहा जाता है, जो आठ प्रकार की समृद्धि का प्रतीक है।

अष्टलक्ष्मी महोत्सव वेबसाइट की विशेषताएँ

नव-लॉन्च की गई वेबसाइट www.ashtalakshmimahotsav.com इस महोत्सव से संबंधित नवीनतम जानकारी, कार्यक्रम का शेड्यूल और प्रतिभागिता विवरण प्रदान करेगी। यह वेबसाइट उपयोगकर्ताओं के लिए महोत्सव से जुड़ी हर जानकारी को सुलभ बनाएगी और राष्ट्रीय एवं अंतरराष्ट्रीय स्तर पर सहभागी बनने वालों के लिए एक मंच के रूप में कार्य करेगी।

वेबसाइट का शुभारंभ करते हुए, श्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया ने कहा कि अष्टलक्ष्मी महोत्सव उत्तर-पूर्व और शेष भारत के बीच सांस्कृतिक और आर्थिक अंतर को कम करने का एक महत्वपूर्ण प्रयास है। उन्होंने कहा, “अष्टलक्ष्मी महोत्सव न केवल उत्तर-पूर्व की सांस्कृतिक समृद्धि को प्रदर्शित करेगा, बल्कि यह आर्थिक विकास के लिए एक उत्प्रेरक के रूप में काम करेगा, जिससे इस क्षेत्र के कारीगरों, बुनकरों और उद्यमियों के लिए नए अवसर पैदा होंगे।

अष्टलक्ष्मी महोत्सव की मुख्य विशेषताएँ

अष्टलक्ष्मी महोत्सव फैशन, संस्कृति और व्यापार का एक अद्वितीय मिश्रण होगा। इस महोत्सव की कुछ मुख्य विशेषताएँ निम्नलिखित हैं:

  • वस्त्र प्रदर्शनी: उत्तर-पूर्व के प्रसिद्ध मूगा और एरी सिल्क की विशेष प्रदर्शनियां।
  • हस्तशिल्प प्रदर्शनी: कारीगरों द्वारा लाइव हस्तशिल्प निर्माण, जहां आगंतुक इस क्षेत्र के जटिल शिल्प कौशल को देख सकेंगे।
  • भौगोलिक संकेतक (GI) उत्पाद: उन उत्पादों का विशेष प्रदर्शन जिन्हें GI स्थिति प्राप्त है, ताकि उत्तर-पूर्व की अद्वितीय वस्तुओं का प्रचार हो सके।
  • फैशन शो और डिज़ाइन कॉन्क्लेव: फैशन शो और डिज़ाइन वार्ता, जिसमें उत्तर-पूर्व भारत की पारंपरिक वस्त्रों की सुंदरता और भव्यता को प्रदर्शित किया जाएगा।
  • खरीदार-विक्रेता बैठक: कारीगरों, बुनकरों और उद्यमियों के लिए संभावित खरीदारों और निवेशकों से जुड़ने का मंच।
  • निवेश गोलमेज बैठक: इस क्षेत्र में निवेश के माध्यम से दीर्घकालिक आर्थिक प्रभाव पर केंद्रित चर्चा।

ये कार्यक्रम विभिन्न हितधारकों को एक साथ लाएंगे, जिससे स्थानीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिलेगा और उत्तर-पूर्व भारत की अनूठी सांस्कृतिक संपत्तियों को वैश्विक स्तर पर प्रतिष्ठित किया जा सकेगा।

उत्तर-पूर्व की आर्थिक प्रगति को बढ़ावा

अष्टलक्ष्मी महोत्सव उत्तर-पूर्व की आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह महोत्सव कारीगरों, बुनकरों और उद्यमियों के लिए अपने पारंपरिक शिल्प को व्यापक दर्शकों तक पहुंचाने का एक मंच प्रदान करेगा। फैशन शो, खरीदार-विक्रेता बैठक और निवेश गोलमेज बैठक जैसी गतिविधियाँ स्थानीय व्यवसायों और हस्तशिल्पों को बढ़ावा देने के साथ ही दीर्घकालिक व्यावसायिक सहयोगों को भी सशक्त बनाएंगी।




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