Union cabinet approves ‘Bio-RIDE’ scheme to boost biotechnology research and entrepreneurship
Date: September 18, 2024
The Union Cabinet, led by Prime Minister Shri Narendra Modi, has given the green light to the ‘Biotechnology Research Innovation and Entrepreneurship Development (Bio-RIDE)’ scheme, aimed at enhancing India’s biotechnology landscape. The Bio-RIDE Scheme , introduced by the Department of Biotechnology (DBT), merges two existing umbrella schemes and introduces a new component called Biomanufacturing and Biofoundry.
Key components of Bio-RIDE scheme
The scheme is structured around three main components:
- Biotechnology Research and Development (R&D)
- Industrial & Entrepreneurship Development (I&ED)
- Biomanufacturing and Biofoundry
With a proposed outlay of ₹9197 crore for the period 2021-22 to 2025-26 under the 15th Finance Commission, Bio-RIDE aims to foster innovation, strengthen bio-entrepreneurship, and position India as a leader in biomanufacturing.
Objectives of the Bio-RIDE scheme
- Promote Bio-Entrepreneurship: The scheme will create a nurturing ecosystem for startups by providing seed funding, incubation, and mentorship for bio-entrepreneurs, boosting India’s biotech sector.
- Advance Innovation: Bio-RIDE will support cutting-edge research in synthetic biology, biopharmaceuticals, bioenergy, bioplastics, and more, offering grants and incentives to accelerate innovation.
- Facilitate Industry-Academia Collaboration: The scheme will enhance collaboration between academic institutions, research organizations, and industries, bridging the gap between research and industrial applications.
- Encourage Sustainable Biomanufacturing: Bio-RIDE will align with India’s green goals, promoting environmentally sustainable practices in the biomanufacturing process.
- Extramural Funding for Researchers: It will offer critical financial support to universities, research institutions, and individual researchers in key areas like healthcare, agriculture, and bioenergy.
- Nurturing Human Resources: The scheme will focus on capacity building by providing opportunities to students, young researchers, and scientists, empowering them with new technological skills.
New focus on circular Bioeconomy
The Biomanufacturing and Biofoundry component aligns with the ‘Lifestyle for the Environment (LiFE)’ initiative launched by the Prime Minister. This initiative aims to mitigate climate change by promoting green and sustainable solutions. It will leverage biomanufacturing to enhance healthcare, agriculture, and bio-based product development, driving India’s bioeconomy and entrepreneurship.
A Step towards India’s Biotechnology vision 2047
The Department of Biotechnology (DBT), under the Ministry of Science and Technology, continues its efforts to drive excellence in biotechnology. The Bio-RIDE scheme is a significant step toward achieving the Government of India’s vision of a $300 billion bioeconomy by 2030, contributing to the broader goal of a ‘Viksit Bharat 2047’ (Developed India 2047).
The Bio-RIDE scheme will support cutting-edge research, promote entrepreneurship, and create sustainable solutions for healthcare, agriculture, and energy, establishing India as a global leader in biotechnology.
बायोटेक्नोलॉजी अनुसंधान और उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए ‘बायो-राइड’ योजना को कैबिनेट की मंजूरी
तारीख: 18 सितंबर, 2024
प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने आज ‘बायोटेक्नोलॉजी अनुसंधान, नवाचार और उद्यमिता विकास (बायो-राइड)’ योजना को मंजूरी दे दी है, जो भारत की जैव प्रौद्योगिकी को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। यह योजना जैव प्रौद्योगिकी विभाग (DBT) द्वारा प्रस्तुत की गई है, जो दो मौजूदा योजनाओं का समामेलन है और इसमें बायोमैन्युफैक्चरिंग और बायोफाउंड्री नामक एक नया घटक भी जोड़ा गया है।
बायो-राइड योजना के प्रमुख घटक
यह योजना तीन प्रमुख घटकों पर आधारित है:
- बायोटेक्नोलॉजी अनुसंधान और विकास (R&D)
- औद्योगिक और उद्यमिता विकास (I&ED)
- बायोमैन्युफैक्चरिंग और बायोफाउंड्री
15वें वित्त आयोग की अवधि 2021-22 से 2025-26 के दौरान ₹9197 करोड़ के प्रस्तावित बजट के साथ, बायो-राइड का उद्देश्य नवाचार को बढ़ावा देना, जैव उद्यमिता को सशक्त बनाना और भारत को जैव-उत्पादन में वैश्विक नेता के रूप में स्थापित करना है।
बायो-राइड योजना के उद्देश्य
- जैव उद्यमिता को बढ़ावा देना: यह योजना स्टार्टअप्स के लिए एक समृद्ध पारिस्थितिकी तंत्र तैयार करेगी, जो जैव-उद्यमियों को प्रारंभिक वित्त, इनक्यूबेशन, और मेंटरशिप प्रदान करेगी।
- नवाचार को आगे बढ़ाना: योजना सिंथेटिक बायोलॉजी, बायोफार्मास्युटिकल्स, बायोएनर्जी, बायोप्लास्टिक्स जैसे क्षेत्रों में अनुसंधान को अनुदान और प्रोत्साहन प्रदान करेगी।
- उद्योग और शैक्षणिक संस्थानों के बीच सहयोग: बायो-राइड अकादमिक संस्थानों, अनुसंधान संगठनों और उद्योग के बीच सहयोग को बढ़ावा देगा, जिससे जैव-आधारित उत्पादों का वाणिज्यीकरण तेजी से हो सकेगा।
- सस्टेनेबल बायोमैन्युफैक्चरिंग को प्रोत्साहित करना: यह योजना भारत के ग्रीन लक्ष्यों के साथ तालमेल बिठाते हुए पर्यावरणीय रूप से टिकाऊ प्रथाओं को बढ़ावा देगी।
- अनुसंधान के लिए बाह्य अनुदान: बायो-राइड शोधकर्ताओं, विश्वविद्यालयों, और अनुसंधान संस्थानों को कृषि, स्वास्थ्य देखभाल, जैव ऊर्जा, और पर्यावरणीय स्थिरता जैसे क्षेत्रों में अनुसंधान के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करेगी।
- मानव संसाधन का विकास: यह योजना छात्रों, युवा शोधकर्ताओं, और वैज्ञानिकों के लिए अवसर प्रदान करके नए तकनीकी कौशलों से सशक्त करेगी, जिससे जैव प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में क्षमता निर्माण हो सके।
सर्कुलर बायोइकोनॉमी पर ध्यान
बायोमैन्युफैक्चरिंग और बायोफाउंड्री घटक प्रधानमंत्री द्वारा शुरू किए गए ‘पर्यावरण के लिए जीवन (LiFE)’ अभियान के साथ जुड़ा हुआ है, जिसका उद्देश्य जलवायु परिवर्तन को रोकने के लिए हरित और टिकाऊ समाधान प्रदान करना है। यह पहल स्वास्थ्य देखभाल, कृषि और जैव-आधारित उत्पादों के विकास को बढ़ावा देगी, जिससे भारत की जैव-अर्थव्यवस्था और उद्यमिता में तेजी आएगी।
2047 तक भारत की जैव प्रौद्योगिकी दृष्टि की दिशा में एक कदम
विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अंतर्गत जैव प्रौद्योगिकी विभाग (DBT) लगातार जैव प्रौद्योगिकी में उत्कृष्टता को बढ़ावा दे रहा है। बायो-राइड योजना 2030 तक 300 बिलियन डॉलर की जैव-अर्थव्यवस्था के लक्ष्य को प्राप्त करने और ‘विकसित भारत 2047’ की व्यापक दृष्टि में महत्वपूर्ण योगदान देगी।
बायो-राइड योजना से स्वास्थ्य देखभाल, कृषि और ऊर्जा के लिए सतत समाधान मिलेंगे, जिससे भारत वैश्विक जैव प्रौद्योगिकी के क्षेत्र में अग्रणी बनेगा।