BioE3 Policy: To Boost High-Biomanufacturing

BioE3 policy
BioE3 Policy




Cabinet Approves BioE3 Policy to Boost High-Performance Biomanufacturing

On August 24, 2024, the Union Cabinet, led by Prime Minister Shri Narendra Modi, approved the ‘BioE3 (Biotechnology for Economy, Environment, and Employment) Policy’ proposed by the Department of Biotechnology. This policy aims to foster high-performance biomanufacturing in India.

Key Features of BioE3 Policy

The BioE3 policy emphasizes innovation-driven support for research and development (R&D) and entrepreneurship across various thematic sectors. The policy aims to accelerate technology development and commercialization by establishing Biomanufacturing & Bio-AI hubs and Biofoundries. Additionally, it prioritizes regenerative bioeconomy models that support green growth, facilitating the expansion of India’s skilled workforce and creating new job opportunities.

BioE3 will promote Green Growth and Sustainability

This policy will further reinforce the Government’s initiatives like the ‘Net Zero’ carbon economy and the ‘Lifestyle for Environment’ program. By promoting a ‘Circular Bioeconomy,’ the BioE3 Policy will guide India toward accelerated green growth. It aims to create a more sustainable, innovative, and responsive future, addressing global challenges while establishing a bio-vision for a developed India, or “Viksit Bharat.”

Timely Investment in Biomanufacturing

The present era presents a crucial opportunity to invest in the industrialization of biology, promoting sustainable and circular practices. This is vital for addressing critical societal issues such as climate change mitigation, food security, and human health. Building a resilient biomanufacturing ecosystem in India is essential for accelerating cutting-edge innovations and developing bio-based products.

Focus Areas of BioE3 Policy

High-performance biomanufacturing encompasses the ability to produce a range of products, from medicines to materials, and to address challenges in farming and food production. It also promotes the manufacturing of bio-based products by integrating advanced biotechnological processes. To address national priorities, the BioE3 Policy will focus on the following strategic sectors:

  • High-value bio-based chemicals
  • Biopolymers and enzymes
  • Smart proteins and functional foods
  • Precision biotherapeutics
  • Climate-resilient agriculture
  • Carbon capture and its utilization
  • Marine and space research




कैबिनेट ने उच्च प्रदर्शन जैव-उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए ‘BioE3 Policy (अर्थव्यवस्था, पर्यावरण और रोजगार के लिए जैव प्रौद्योगिकी) को दी मंजूरी

24 अगस्त 2024 को प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने जैव प्रौद्योगिकी विभाग की ‘BioE3 (अर्थव्यवस्था, पर्यावरण और रोजगार के लिए जैव प्रौद्योगिकी) नीति’ के प्रस्ताव को मंजूरी दी। इस नीति का उद्देश्य उच्च प्रदर्शन वाले जैव-उत्पादन को बढ़ावा देना है।

BioE3 नीति की मुख्य विशेषताएँ

BioE3 नीति के अंतर्गत नवाचार-आधारित समर्थन को अनुसंधान एवं विकास (R&D) और उद्यमिता के विभिन्न क्षेत्रों में प्रसारित किया जाएगा। इस नीति के माध्यम से जैव-उत्पादन एवं जैव-एआई हब्स और बायोफाउंड्री की स्थापना करके प्रौद्योगिकी विकास और व्यावसायीकरण को गति दी जाएगी। साथ ही, हरित विकास के पुनर्योजी जैव-अर्थव्यवस्था मॉडल को प्राथमिकता दी जाएगी, जिससे भारत के कुशल कार्यबल का विस्तार होगा और रोजगार सृजन में वृद्धि होगी।

हरित विकास और टिकाऊ भविष्य की ओर कदम

यह नीति सरकार की ‘नेट जीरो’ कार्बन अर्थव्यवस्था और ‘पर्यावरण के लिए जीवन शैली’ जैसे पहलों को और मजबूत करेगी, और ‘सर्कुलर बायोइकोनॉमी’ को बढ़ावा देकर भारत को तेज़ी से हरित विकास के मार्ग पर अग्रसर करेगी। BioE3 नीति एक ऐसे भविष्य को प्रोत्साहित करेगी जो अधिक टिकाऊ, नवाचारी और वैश्विक चुनौतियों के प्रति संवेदनशील हो, और यह ‘विकसित भारत’ के लिए जैव-दृष्टि को स्पष्ट करेगी।

जैव-उद्योगीकरण के लिए उपयुक्त समय

यह वर्तमान समय जैव-उद्योगीकरण में निवेश करने के लिए उपयुक्त है, जिससे टिकाऊ और सर्कुलर प्रथाओं को बढ़ावा दिया जा सके और जलवायु परिवर्तन के शमन, खाद्य सुरक्षा और मानव स्वास्थ्य जैसी महत्वपूर्ण सामाजिक समस्याओं का समाधान किया जा सके। हमारे राष्ट्र में एक मजबूत जैव-उत्पादन पारिस्थितिकी तंत्र का निर्माण करना आवश्यक है ताकि जैव-आधारित उत्पादों के विकास के लिए अत्याधुनिक नवाचारों को गति दी जा सके।

उच्च प्रदर्शन जैव-उत्पादन की भूमिका

उच्च प्रदर्शन जैव-उत्पादन का तात्पर्य है दवाओं से लेकर सामग्रियों तक के उत्पादों का उत्पादन, कृषि और खाद्य चुनौतियों का समाधान, और उन्नत जैव प्रौद्योगिकीय प्रक्रियाओं के एकीकरण के माध्यम से जैव-आधारित उत्पादों के उत्पादन को बढ़ावा देना। राष्ट्रीय प्राथमिकताओं को ध्यान में रखते हुए, BioE3 नीति निम्नलिखित रणनीतिक/थीमेटिक क्षेत्रों पर व्यापक रूप से ध्यान केंद्रित करेगी: उच्च मूल्य जैव-आधारित रसायन, जैव पॉलिमर और एंजाइम; स्मार्ट प्रोटीन और कार्यात्मक खाद्य पदार्थ; प्रिसीजन बायोथेराप्यूटिक्स; जलवायु प्रतिरोधी कृषि; कार्बन कैप्चर और उसका उपयोग; समुद्री और अंतरिक्ष अनुसंधान।







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