Digital Agriculture Mission: A new era in Indian agriculture

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Digital Agriculture Mission
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Digital Agriculture Mission

The Union Cabinet, led by Prime Minister Shri Narendra Modi, has approved the Digital Agriculture Mission with a financial outlay of Rs. 2817 Crore, including a central share of Rs. 1940 Crore. This initiative aims to revolutionize the agricultural sector by integrating digital technology into farming practices, ensuring that farmers have access to precise, reliable, and timely information to make informed decisions.

Digital transformation in Agriculture

India’s digital revolution has already transformed various sectors such as finance, healthcare, education, and retail, establishing the country as a leader in citizen-centric digital solutions. With the Digital Agriculture Mission, the government intends to bring similar transformation to the agricultural sector. The mission aims to build Digital Public Infrastructure (DPI) for agriculture, as announced in the Union Budgets of 2023-24 and 2024-25.

Core components of the Digital Agriculture Mission

The Digital Agriculture Mission is structured around the development of three Digital Public Infrastructures:

  1. AgriStack :
    • Overview: A farmer-centric platform that simplifies service delivery through digital identities called Farmer IDs. This ID, similar to Aadhaar, will link a farmer’s demographic, land, crop, livestock, and other relevant data.
    • Implementation: Pilots have been conducted in select districts across six states, with plans to create digital identities for 11 crore farmers by 2026-27.
  2. Krishi Decision Support System (DSS):
    • Overview: A geospatial system that integrates data on crops, soil, weather, and water resources, aiding farmers in making informed decisions.
    • Functions: The system will support drought/flood monitoring, crop yield assessments, and help in crop insurance claims.
  3. Soil Profile Mapping:
    • Overview: Creation of detailed soil profile maps covering about 142 million hectares of agricultural land.
    • Benefits: Provides crucial data for balanced fertilizer use, soil health improvement, and tailored crop recommendations.

Digital General Crop Estimation Survey (DGCES)

The DGCES is another vital component of the mission, providing yield estimates through scientifically designed crop-cutting experiments. This initiative will ensure accurate agricultural production estimates, aiding in better policy-making and resource allocation.

Employment and economic Impact

The mission is expected to generate both direct and indirect employment opportunities in the agriculture sector. It will employ around 2.5 lakh trained local youth and Krishi Sakhis for tasks such as digital crop surveys and data collection for remote sensing.

Farmer-centric benefits

  • Ease of Access: Farmers can digitally identify themselves to access services, eliminating the need for cumbersome paperwork and physical visits to offices.
  • Transparency and Efficiency: Government agencies can offer more transparent and efficient services, including paperless MSP-based procurement, crop insurance, and crop loans.
  • Accurate Crop Estimations: Real-time data from the DGCES and Krishi-DSS will help in accurate crop production estimations, crop diversification, and irrigation management.

Conclusion

The Digital Agriculture Mission is a significant step towards modernizing Indian agriculture. By leveraging data analytics, artificial intelligence, and digital technologies, this mission will empower farmers with the tools they need to thrive in a rapidly changing world. The mission aligns with the vision of Viksit Bharat@2047, aiming to create a prosperous and technologically advanced agricultural sector.



डिजिटल कृषि मिशन : भारतीय कृषि में एक नया युग

प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने डिजिटल कृषि मिशन को मंजूरी दी है, जिसके लिए 2817 करोड़ रुपये का बजट निर्धारित किया गया है, जिसमें 1940 करोड़ रुपये का केंद्रीय हिस्सा शामिल है। इस पहल का उद्देश्य कृषि क्षेत्र में डिजिटल प्रौद्योगिकी का समावेश कर किसानों को सटीक, विश्वसनीय और समय पर जानकारी उपलब्ध कराना है, ताकि वे सही निर्णय ले सकें।

कृषि में डिजिटल परिवर्तन

भारत की डिजिटल क्रांति ने वित्त, स्वास्थ्य, शिक्षा और खुदरा जैसे क्षेत्रों में पहले से ही बड़ा बदलाव ला दिया है, जिससे देश नागरिक-केंद्रित डिजिटल समाधानों में अग्रणी बन गया है। अब, डिजिटल कृषि मिशन के माध्यम से, सरकार कृषि क्षेत्र में भी इसी तरह का परिवर्तन लाना चाहती है। इस मिशन का उद्देश्य कृषि के लिए डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचना (डीपीआई) का निर्माण करना है, जिसकी घोषणा केंद्रीय बजट 2023-24 और 2024-25 में की गई थी।

डिजिटल कृषि मिशन के प्रमुख घटक

डिजिटल कृषि मिशन को तीन प्रमुख डिजिटल सार्वजनिक अवसंरचनाओं के विकास के इर्द-गिर्द संरचित किया गया है:

  1. एग्रीस्टैक:
    • परिचय: यह किसान-केंद्रित प्लेटफ़ॉर्म है जो किसान आईडी नामक डिजिटल पहचान के माध्यम से सेवा वितरण को सरल बनाता है। यह आईडी, आधार के समान, किसान की जनसांख्यिकी, भूमि, फसल, पशुधन और अन्य प्रासंगिक डेटा से जुड़ी होगी।
    • कार्यान्वयन: छह राज्यों में चयनित जिलों में पायलट प्रोजेक्ट्स का आयोजन किया गया है, और 2026-27 तक 11 करोड़ किसानों के लिए डिजिटल पहचान बनाने की योजना है।
  2. कृषि निर्णय सहायता प्रणाली (डीएसएस):
    • परिचय: एक भू-स्थानिक प्रणाली जो फसलों, मृदा, मौसम और जल संसाधनों पर डेटा को एकीकृत करती है, जिससे किसानों को सूचित निर्णय लेने में सहायता मिलती है।
    • कार्य: यह प्रणाली सूखा/बाढ़ की निगरानी, फसल उत्पादन का आकलन, और फसल बीमा दावों में मदद करेगी।
  3. मृदा प्रोफ़ाइल मानचित्रण:
    • परिचय: 142 मिलियन हेक्टेयर कृषि भूमि पर विस्तृत मृदा प्रोफ़ाइल मानचित्रों का निर्माण।
    • लाभ: संतुलित उर्वरक उपयोग, मृदा स्वास्थ्य में सुधार और फसलों के लिए अनुकूल सिफारिशें प्रदान करने के लिए महत्वपूर्ण डेटा।

डिजिटल सामान्य फसल अनुमान सर्वेक्षण (डीजीसीईएस)

डीजीसीईएस इस मिशन का एक और महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो वैज्ञानिक रूप से डिज़ाइन किए गए फसल-कटाई प्रयोगों के माध्यम से फसल उपज का अनुमान प्रदान करेगा। यह पहल कृषि उत्पादन का सटीक अनुमान लगाने में मदद करेगी, जिससे बेहतर नीतियों का निर्माण और संसाधनों का उचित आवंटन सुनिश्चित होगा।

रोजगार और आर्थिक प्रभाव

इस मिशन से कृषि क्षेत्र में प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष दोनों तरह की रोजगार संभावनाएं पैदा होने की उम्मीद है। इसके तहत लगभग 2.5 लाख प्रशिक्षित स्थानीय युवाओं और कृषि सखियों को डिजिटल फसल सर्वेक्षण और दूरस्थ संवेदन के लिए डेटा संग्रह जैसे कार्यों में रोजगार मिलेगा।

किसान-केंद्रित लाभ

  • सुलभता में वृद्धि: किसान स्वयं को डिजिटल रूप से पहचान कर सेवाओं का लाभ उठा सकते हैं, जिससे उन्हें भारी कागजी कार्यवाही और कार्यालयों के चक्कर लगाने की आवश्यकता नहीं होगी।
  • पारदर्शिता और कुशलता: सरकारी एजेंसियां अधिक पारदर्शी और कुशल सेवाएं प्रदान कर सकेंगी, जिसमें पेपरलेस एमएसपी-आधारित खरीद, फसल बीमा, और फसल ऋण शामिल हैं।
  • सटीक फसल अनुमान: डीजीसीईएस और कृषि-डीएसएस से वास्तविक समय में डेटा मिलने से फसल उत्पादन का सटीक अनुमान, फसल विविधीकरण, और सिंचाई प्रबंधन में मदद मिलेगी।

निष्कर्ष

डिजिटल कृषि मिशन भारतीय कृषि को आधुनिक बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। डेटा एनालिटिक्स, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, और डिजिटल प्रौद्योगिकियों का उपयोग करके, यह मिशन किसानों को तेजी से बदलती दुनिया में सफल होने के लिए आवश्यक उपकरण प्रदान करेगा। मिशन का उद्देश्य विक्सित भारत@2047 की दृष्टि के अनुरूप एक समृद्ध और तकनीकी रूप से उन्नत कृषि क्षेत्र का निर्माण करना है।

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