First Policy Makers’ Forum – An innovative step (19/8/2024)

First policy makers` forum




What is First Policy Makers’ Forum?

An international delegation of policymakers and drug regulators from 15 countries is participating in the forum hosted by the Indian Pharmacopoeia Commission in collaboration with the Ministry of Health & Family Welfare and the Ministry of External Affairs.Groundbreaking digital platforms, the Indian Pharmacopoeia Online portal and Adverse Drug Reaction Monitoring System software launched at the event.The ‘First Policy Makers’ Forum’ was inaugurated today by Union Minister of Health and Family Welfare & Chemicals and Fertilizers, Shri J.P. Nadda. This significant forum is scheduled to run until 22nd August 2024, aiming to bolster India’s position in the global pharmaceutical sector.

Organizers and Participants

The Indian Pharmacopoeia Commission (IPC), in partnership with the Ministry of Health & Family Welfare and the Ministry of External Affairs, is hosting this forum. It features an international delegation of policymakers and drug regulators from 15 countries, marking a significant global collaboration.

Key Highlights of First Policy Makers’ Forum

The forum showcased the launch of innovative digital platforms, including the IP Online Portal and the Adverse Drug Reaction Monitoring System (ADRMS) software. These platforms are designed to enhance the accessibility and monitoring of pharmacopoeia and drug safety.

Expanding Global Recognition of the Indian Pharmacopoeia

International Delegation

The forum underscores India’s dedication to elevating the global recognition of the Indian Pharmacopoeia (IP). Attendees include representatives from a diverse group of countries: Burkina Faso, Equatorial Guinea, Ghana, Guyana, Jamaica, Lao PDR, Lebanon, Malawi, Mozambique, Nauru, Nicaragua, Sri Lanka, Syria, Uganda, and Zambia.

Forum Objectives

The primary goals of the forum are to facilitate discussions on the recognition of the IP and to advance the implementation of India’s Pradhan Mantri Bhartiya Janaushadhi Pariyojana (PMBJP), widely known as the Janaushadhi Scheme. This scheme aims to improve access to affordable medicines for all.

Ministerial Insights and Statements

Shri J.P. Nadda welcomed delegates from drug regulatory authorities and health ministries from Latin America, Africa, Southeast Asia, and the Pacific. He highlighted that the forum provides an excellent opportunity to discuss the safety, efficacy, and quality of medical pharmaceutical products. Nadda emphasized India’s reputation as the “pharmacy of the world,” noting its role in treating diseases like malaria, HIV-AIDS, and tuberculosis, which predominantly affect developing nations.

Commitment to Global Health

Nadda reaffirmed India’s commitment to combating diseases and providing affordable treatments, particularly for HIV-AIDS, which has been a burden for developing countries. He praised Indian manufacturers for their leadership in offering effective and affordable drugs.

Vaccine Production Leadership

Nadda noted that India is a global leader in vaccine production, contributing approximately 60% of the world’s vaccine supply. The World Health Organization sources 70% of its vaccine needs from India. During the COVID-19 pandemic, India’s Vaccine Maitri Programme exemplified its commitment to global health, supplying vaccines to various countries without discrimination.

Key Initiatives and Achievements of First Policy Makers’ Forum

Jan Aushadhi Scheme

Under Prime Minister Narendra Modi’s leadership, the Jan Aushadhi Scheme aims to provide high-quality generic medicines at lower prices. This initiative ensures that all medicines meet the standards set by the Indian Pharmacopoeia, offering a model that other countries might adopt to improve access to affordable healthcare.

Ayushman Bharat Scheme

The Ayushman Bharat scheme is the world’s largest government-funded healthcare program, offering coverage for over 500 million people. With a budget of 6,000 US Dollars, it represents India’s commitment to ensuring healthcare for the most vulnerable populations.

Future Prospects and Digital Innovations

Forum Discussions and Outcomes

The forum’s discussions are expected to lead to improvements in patient safety and successful implementation of shared healthcare goals. The dialogue will also aim to strengthen healthcare systems and build lasting international relationships.

Digital Platform Launches

The IP Online Portal and ADRMS software are significant advancements in drug safety and pharmacovigilance. The IP Online Portal will digitalize pharmacopoeia standards, making them more accessible globally. The ADRMS software, developed under the Pharmacovigilance Programme of India, will facilitate the reporting and analysis of adverse drug reactions, enhancing pharmacovigilance capabilities in India.

Delegation Visits

Delegates will visit Jan Aushadhi Kendras in Agra and advanced vaccine and drug manufacturing facilities in Genome Valley, Hyderabad. These visits will provide insights into India’s healthcare efforts and capabilities.

source:(PIB)





केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री द्वारा प्रथम नीति निर्माता फोरम का उद्घाटन

केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण तथा रसायन एवं उर्वरक मंत्री श्री जे.पी. नड्डा ने आज यहां ‘प्रथम नीति निर्माता फोरम’ का उद्घाटन किया। यह फोरम 22 अगस्त 2024 तक चलेगा और इसका उद्देश्य वैश्विक फार्मास्युटिकल क्षेत्र में भारत की स्थिति को ऊंचा करना है।

अंतर्राष्ट्रीय प्रतिनिधिमंडल

भारतीय फार्माकोपिया आयोग (आईपीसी) ने स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय और विदेश मंत्रालय के सहयोग से 15 देशों के नीति निर्माताओं और दवा नियामकों का एक अंतर्राष्ट्रीय प्रतिनिधिमंडल मेज़बान किया। फोरम में फार्माकोपिया और दवा सुरक्षा निगरानी के लिए दो नवीन डिजिटल प्लेटफार्मों का शुभारंभ भी किया गया।

भारतीय फार्माकोपिया की वैश्विक मान्यता

अंतर्राष्ट्रीय भागीदारी

फोरम में बुर्किना फासो, इक्वेटोरियल गिनी, घाना, गुयाना, जमैका, लाओ पीडीआर, लेबनान, मलावी, मोज़ाम्बिक, नाउरू, निकारागुआ, श्रीलंका, सीरिया, युगांडा और जाम्बिया जैसे विभिन्न देशों की भागीदारी रही। इसका उद्देश्य भारतीय फार्माकोपिया (आईपी) की मान्यता और प्रधानमंत्री भारतीय जनऔषधि परियोजना (पीएमबीजेपी) के कार्यान्वयन पर सार्थक चर्चा करना है।

उच्च मानकों की आवश्यकता

श्री जे.पी. नड्डा ने कहा कि यह मंच सुरक्षा, प्रभावकारिता और चिकित्सा फार्मास्युटिकल उत्पादों की गुणवत्ता पर विचारों का आदान-प्रदान करने का एक उत्कृष्ट अवसर प्रदान करेगा। उन्होंने भारत की पहचान को ‘दुनिया की फार्मेसी’ के रूप में मान्यता दी और गर्व से कहा कि भारतीय जेनेरिक दवाएं मलेरिया, एचआईवी-एड्स, और तपेदिक जैसी बीमारियों के इलाज में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं।

वैश्विक स्वास्थ्य के प्रति प्रतिबद्धता

श्री नड्डा ने भारत की वैश्विक स्वास्थ्य के प्रति प्रतिबद्धता को रेखांकित किया और बताया कि भारतीय निर्माताओं ने एचआईवी-एड्स की महंगी दवाओं को सस्ती और प्रभावी बनाने का बीड़ा उठाया है।

टीकों में भारत की भूमिका

वैश्विक टीका आपूर्ति में योगदान

श्री नड्डा ने कहा कि भारत टीकों के उत्पादन और आपूर्ति में विश्व में अग्रणी है और वैश्विक टीका आपूर्ति में लगभग 60 प्रतिशत का योगदान करता है। उन्होंने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन अपनी टीका जरूरतों का 70 प्रतिशत भारत से प्राप्त करता है। कोविड-19 महामारी के दौरान, भारत ने वैक्सीन मैत्री कार्यक्रम के तहत कई देशों को कोविड-19 टीके प्रदान किए, जो भारत की मानवता के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

प्रमुख पहल और योजनाएं

जन औषधि योजना

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में, जन औषधि योजना शुरू की गई, जिसका उद्देश्य समाज के सभी वर्गों को विशेषकर वंचितों को उच्च गुणवत्ता वाली दवाएं उपलब्ध कराना है। ये केंद्र ब्रांडेड दवाओं के समान गुणवत्ता की जेनेरिक दवाएं अधिक किफायती कीमतों पर प्रदान करते हैं, और सभी दवाएं भारतीय फार्माकोपिया के मानकों को पूरा करती हैं।

आयुष्मान भारत योजना

आयुष्मान भारत योजना, दुनिया का सबसे बड़ा सरकारी फंडेड स्वास्थ्य सेवा कार्यक्रम है, जो 6,000 अमेरिकी डॉलर की लागत पर 500 मिलियन से अधिक लोगों को स्वास्थ्य बीमा और आश्वासन प्रदान करता है। यह योजना समाज के सबसे कमजोर वर्ग के लिए स्वास्थ्य सेवा सुनिश्चित करने की भारत की प्रतिबद्धता का प्रमाण है।

डिजिटल प्लेटफार्मों की शुरुआत

आईपी ऑनलाइन पोर्टल

फोरम का एक प्रमुख आकर्षण आईपी ऑनलाइन पोर्टल और प्रतिकूल दवा प्रतिक्रिया निगरानी प्रणाली (एडीआरएमएस) सॉफ्टवेयर का शुभारंभ था। आईपी ऑनलाइन पोर्टल भारतीय फार्माकोपिया को डिजिटल बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, जो दवा मानकों को वैश्विक हितधारकों के लिए अधिक सुलभ बनाएगा।

एडीआरएमएस सॉफ्टवेयर

एडीआरएमएस सॉफ्टवेयर, भारत का पहला स्वदेशी चिकित्सा उत्पाद सुरक्षा डेटाबेस है, जो दवाओं और चिकित्सा उपकरणों से संबंधित प्रतिकूल घटनाओं के संग्रह और विश्लेषण में मदद करता है। यह सॉफ़्टवेयर रिपोर्टिंग प्रक्रिया को सुव्यवस्थित करता है और उपभोक्ताओं और स्वास्थ्य पेशेवरों को प्रतिकूल घटनाओं की रिपोर्टिंग के लिए सशक्त बनाता है।

वैश्विक स्वास्थ्य के प्रति भारत का दृष्टिकोण

फोरम सत्र की चर्चाएं

फोरम सत्र के दौरान विदेशी प्रतिनिधियों ने भारतीय समकक्षों के साथ चिकित्सा उत्पादों की सुरक्षा, प्रभावकारिता और गुणवत्ता पर गहन चर्चा की। फार्मास्यूटिकल्स विभाग ने जन औषधि योजना पर केंद्रित चर्चा का नेतृत्व किया और इसके अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनाने की संभावनाओं की समीक्षा की।

यात्रा और अवलोकन

प्रतिनिधियों को आगरा में जन औषधि केंद्र और हैदराबाद में जीनोम वैली में वैक्सीन और दवा विनिर्माण सुविधाओं और अनुसंधान केंद्रों का दौरा करने का कार्यक्रम है। ये दौरे भारत के स्वास्थ्य देखभाल प्रयासों और क्षमताओं को प्रत्यक्ष रूप से देखने का अवसर प्रदान करेंगे।

स्रोत:PIB







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