IT and ITeS policy of Uttar Pradesh 2022
The state of Uttar Pradesh, a hub of technological growth in North India, has taken another significant step in its journey toward becoming a global leader in Information Technology and IT-enabled Services (ITeS). The IT and ITeS Policy 2022 aims to transform Uttar Pradesh into a leading hub for information technology by building world-class infrastructure, encouraging innovation, promoting investments, and providing fiscal and non-fiscal incentives to businesses and professionals in the sector.
This policy addresses multiple areas such as building IT cities, parks, promoting skill development, creating centers of excellence, and facilitating investment from both domestic and international sources. Uttar Pradesh envisions creating an environment conducive to technological growth and fostering innovation in next-generation technologies like Artificial Intelligence, Blockchain, Big Data, and the Internet of Things (IoT).
Vision and strategic objectives IT and ITeS policy of Uttar Pradesh 2022
The vision of the IT and ITeS Policy of Uttar Pradesh 2022 is to establish the state as a trusted global IT hub. The key strategic objectives laid out in this policy include:
- Infrastructure Development: Establishing IT cities and parks in various regions of the state to attract IT/ITeS units and offer world-class infrastructure.
- Innovation: Encouraging innovation by setting up Centers of Excellence (CoEs) and providing research and development (R&D) support.
- Skill Development: Enhancing the skill levels of the existing workforce and the younger population in emerging technologies.
- Investment Promotion: Making Uttar Pradesh a preferred investment destination for IT companies.
- Employment: Generating employment opportunities through IT/ITeS initiatives.
Infrastructure augmentation
To meet the growing demand for IT services, the Uttar Pradesh government has proposed several initiatives to enhance infrastructure, including:
- IT Parks: Development of one greenfield IT park in every revenue division, excluding Gautam Buddh Nagar and Ghaziabad. This will ensure equitable distribution of IT infrastructure.
- IT Cities: Establishment of IT cities in regions like Agra, Lucknow, Varanasi, and Kanpur with state-of-the-art amenities such as office spaces, residential complexes, and coworking hubs.
Encouraging innovation and skill development
The IT and ITeS Policy emphasizes creating an innovation ecosystem by establishing Centers of Excellence (CoEs) and promoting R&D. It aims to develop a skilled workforce proficient in next-gen technologies like AI, VR, and machine learning. The state offers reimbursement for courses in emerging technologies and collaborations with industry leaders to upskill professionals.
Additionally, the policy offers 50% reimbursement on course fees up to ₹50,000 per candidate to promote certifications in emerging technologies.
Fiscal and non-fiscal incentives
The Uttar Pradesh government has laid out a wide range of fiscal incentives to support the growth of IT/ITeS units in the state:
- Capital Subsidy: A 10% subsidy on Fixed Capital Investment (FCI), with a maximum limit of ₹50 crores.
- Operating Expense Subsidy: A 10% reimbursement on operating expenses, including lease rentals, bandwidth, data center or cloud services, and power charges. This reimbursement is capped at ₹20 crores annually.
- Land Cost Reimbursement: The policy offers 25% reimbursement on the cost of land, subject to a maximum of ₹50 crores.
- Stamp Duty Exemption: 100% exemption on stamp duty for the purchase or lease of land or office spaces.
- Interest Subsidy: 7% interest subsidy for 5 years, with a maximum of ₹1 crore per annum.
- EPF Reimbursement: 100% reimbursement of the total EPF contributions, with a cap of ₹1 crore annually.
- Recruitment Assistance: A subsidy of ₹20,000 per employee recruited from Uttar Pradesh-based colleges.
- Incentives for Certifications: Reimbursement for costs incurred on certifications such as CMM, ISO, COPC, with a maximum reimbursement of ₹25 lakhs per unit.
- Patent Filing Cost: Reimbursement of up to ₹5 lakhs for domestic patents and ₹10 lakhs for international patents.
- Work From Home (WFH): IT/ITeS units can claim benefits for employees working from home, including employment subsidies and EPF reimbursements.
Implementation framework
The Uttar Pradesh Electronics Corporation Limited (UPELC) has been designated as the nodal agency for implementing the policy. The policy is monitored by a State Level Empowered Committee, chaired by the Chief Secretary of Uttar Pradesh. A dedicated Project Management Unit will assist in policy execution and provide necessary support to ensure smooth implementation.
Conclusion
The IT and ITeS Policy of Uttar Pradesh 2022 is a forward-thinking initiative that not only aims to foster technological advancement in the state but also to make Uttar Pradesh a top destination for IT investments. With robust incentives, infrastructure development, and skill-building initiatives, this policy is poised to drive significant growth in the state’s IT/ITeS sector.
उत्तर प्रदेश आईटी और ITeS नीति 2022
उत्तर प्रदेश, जो उत्तर भारत में प्रौद्योगिकी वृद्धि का केंद्र है, ने सूचना प्रौद्योगिकी और सूचना प्रौद्योगिकी-सक्षम सेवाओं (ITeS) के क्षेत्र में एक और महत्वपूर्ण कदम उठाया है। उत्तर प्रदेश आईटी और ITeS नीति 2022 का उद्देश्य विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचा तैयार करके, नवाचार को प्रोत्साहित करके, निवेश को बढ़ावा देकर, और व्यवसायों और पेशेवरों को वित्तीय और गैर-वित्तीय प्रोत्साहन प्रदान करके उत्तर प्रदेश को सूचना प्रौद्योगिकी का एक अग्रणी केंद्र बनाना है।
यह नीति आईटी शहरों, पार्कों का निर्माण, कौशल विकास को बढ़ावा देना, उत्कृष्टता केंद्रों का निर्माण करना, और घरेलू और अंतर्राष्ट्रीय स्रोतों से निवेश की सुविधा प्रदान करना जैसे कई क्षेत्रों को कवर करती है। उत्तर प्रदेश का उद्देश्य अगली पीढ़ी की प्रौद्योगिकियों जैसे कृत्रिम बुद्धिमत्ता, ब्लॉकचेन, बिग डेटा, और इंटरनेट ऑफ थिंग्स (IoT) में नवाचार को बढ़ावा देकर प्रौद्योगिकी वृद्धि के लिए अनुकूल वातावरण बनाना है।
उत्तर प्रदेश आईटी और ITeS नीति 2022 की दृष्टि और रणनीतिक उद्देश्य
उत्तर प्रदेश आईटी और ITeS नीति 2022 का उद्देश्य राज्य को एक विश्वसनीय वैश्विक आईटी केंद्र के रूप में स्थापित करना है। इस नीति के प्रमुख रणनीतिक उद्देश्य निम्नलिखित हैं:
- बुनियादी ढांचा विकास: राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में आईटी शहरों और पार्कों की स्थापना, जो आईटी/आईटीईएस इकाइयों को आकर्षित करेंगे और विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचा प्रदान करेंगे।
- नवाचार: उत्कृष्टता केंद्रों (CoEs) की स्थापना और अनुसंधान एवं विकास (R&D) को समर्थन प्रदान करके नवाचार को प्रोत्साहित करना।
- कौशल विकास: उभरती प्रौद्योगिकियों में मौजूदा कार्यबल और युवा पीढ़ी के कौशल स्तर को बढ़ाना।
- निवेश संवर्धन: उत्तर प्रदेश को आईटी कंपनियों के लिए एक पसंदीदा निवेश गंतव्य बनाना।
- रोजगार सृजन: आईटी/आईटीईएस पहलों के माध्यम से रोजगार के अवसर उत्पन्न करना।
बुनियादी ढांचे का सुदृढ़ीकरण
आईटी सेवाओं की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकार ने बुनियादी ढांचे को मजबूत करने के लिए कई पहल प्रस्तावित की हैं, जिनमें शामिल हैं:
- आईटी पार्क: गौतम बुद्ध नगर और गाजियाबाद को छोड़कर, प्रत्येक राजस्व मंडल में एक ग्रीनफील्ड आईटी पार्क का विकास। यह आईटी बुनियादी ढांचे के समान वितरण को सुनिश्चित करेगा।
- आईटी शहर: आगरा, लखनऊ, वाराणसी और कानपुर जैसे क्षेत्रों में अत्याधुनिक सुविधाओं के साथ आईटी शहरों की स्थापना, जिनमें कार्यालय स्थल, आवासीय परिसर और सह-कार्यशील हब शामिल होंगे।
नवाचार और कौशल विकास को प्रोत्साहित करना
आईटी और ITeS नीति नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र को बढ़ावा देने के लिए उत्कृष्टता केंद्रों (CoEs) की स्थापना और R&D को प्रोत्साहित करने पर जोर देती है। इसका उद्देश्य कृत्रिम बुद्धिमत्ता, वीआर, और मशीन लर्निंग जैसी अगली पीढ़ी की प्रौद्योगिकियों में कुशल कार्यबल का विकास करना है। राज्य उभरती प्रौद्योगिकियों में पाठ्यक्रमों के लिए प्रत्येक उम्मीदवार को ₹50,000 तक की फीस प्रतिपूर्ति प्रदान करता है।
वित्तीय और गैर-वित्तीय प्रोत्साहन
उत्तर प्रदेश सरकार ने आईटी/आईटीईएस इकाइयों के विकास को समर्थन देने के लिए कई वित्तीय प्रोत्साहन प्रदान किए हैं:
- पूंजी सब्सिडी: निश्चित पूंजी निवेश (FCI) पर 10% सब्सिडी, अधिकतम ₹50 करोड़ तक।
- ऑपरेटिंग व्यय सब्सिडी: लीज किराया, बैंडविड्थ, डेटा सेंटर या क्लाउड सेवाएं और बिजली शुल्क सहित ऑपरेटिंग व्ययों पर 10% की प्रतिपूर्ति, अधिकतम ₹20 करोड़ प्रति वर्ष तक।
- भूमि लागत पर प्रतिपूर्ति: भूमि लागत पर 25% की प्रतिपूर्ति, अधिकतम ₹50 करोड़ तक।
- स्टाम्प शुल्क छूट: भूमि या कार्यालय स्थान की खरीद/पट्टे पर 100% स्टाम्प शुल्क छूट।
- ब्याज सब्सिडी: 5 वर्षों के लिए 7% ब्याज सब्सिडी, अधिकतम ₹1 करोड़ प्रति वर्ष तक।
- ईपीएफ प्रतिपूर्ति: ईपीएफ योगदान का 100% प्रतिपूर्ति, अधिकतम ₹1 करोड़ प्रति वर्ष।
- भर्ती सहायता: उत्तर प्रदेश आधारित कॉलेजों से भर्ती किए गए प्रत्येक कर्मचारी के लिए ₹20,000 की सहायता।
- प्रमाणपत्रों के लिए प्रोत्साहन: CMM, ISO, COPC जैसे प्रमाणपत्रों पर व्यय की अधिकतम ₹25 लाख प्रति इकाई की प्रतिपूर्ति।
- पेटेंट फाइलिंग लागत: घरेलू पेटेंट के लिए ₹5 लाख और अंतर्राष्ट्रीय पेटेंट के लिए ₹10 लाख तक की प्रतिपूर्ति।
- वर्क फ्रॉम होम (WFH): उत्तर प्रदेश में स्थित कर्मचारियों के लिए कार्यस्थल पर लाभ और ईपीएफ प्रतिपूर्ति का दावा किया जा सकता है।
कार्यान्वयन ढांचा
इस नीति को लागू करने के लिए उत्तर प्रदेश इलेक्ट्रॉनिक्स कॉरपोरेशन लिमिटेड (UPELC) को नोडल एजेंसी के रूप में नियुक्त किया गया है। इस नीति की निगरानी राज्य स्तरीय सशक्त समिति द्वारा की जाएगी, जिसकी अध्यक्षता उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव करेंगे। एक समर्पित प्रोजेक्ट मैनेजमेंट यूनिट इस नीति के सफल कार्यान्वयन का समर्थन करेगी और आवश्यक सहायता प्रदान करेगी।
निष्कर्ष
उत्तर प्रदेश आईटी और ITeS नीति 2022 एक दूरदर्शी पहल है जो न केवल राज्य में प्रौद्योगिकी प्रगति को बढ़ावा देने का उद्देश्य रखती है, बल्कि उत्तर प्रदेश को आईटी निवेश के लिए एक शीर्ष गंतव्य बनाने का भी लक्ष्य रखती है। मजबूत प्रोत्साहनों, बुनियादी ढांचा विकास, और कौशल विकास पहलों के साथ, यह नीति राज्य के आईटी/आईटीईएस क्षेत्र में महत्वपूर्ण वृद्धि को प्रेरित करने के लिए तैयार है।
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