National Sports Governance Bill, 2024

Inviting Comments on Draft National Sports Governance Bill, 2024

The Ministry of Youth Affairs and Sports has released the Draft National Sports Governance Bill, 2024 for public consultation, inviting comments and suggestions from the general public and stakeholders as part of the pre-legislative process.

Key Objectives of the Bill:

  1. Promotion of Sports and Welfare of Sportspersons: The Bill aims to foster the development and promotion of sports while ensuring the welfare of sportspersons through ethical practices and good governance.
  2. Institutional Governance of Sports Federations: It sets out standards for the governance of sports federations based on universal principles of good governance, ethics, fair play, the Olympic and Paralympic Charters, and international best practices.
  3. Resolution of Sports Grievances: The Bill proposes the establishment of unified, equitable, and effective systems to resolve sports-related disputes.

Salient Features of the Bill:

  1. Sports Regulatory Board of India: A central regulatory authority will be established to oversee the recognition of National Sports Federations (NSFs) and ensure compliance with governance, financial, and ethical standards. The Board will have flexibility and autonomy in its operations, without a fixed formula for NSF recognition.
  2. Governance Structure for IOA/PCI/NSF: The Bill outlines a governance structure for the Indian Olympic Association (IOA), Paralympic Committee of India (PCI), and NSFs, limiting Executive Committee sizes to 15 members. Leadership positions will be open to citizens, and NSFs are encouraged to employ full-time professional management led by a CEO. The governance of these bodies will align with the Olympic and Paralympic Charters and international regulations.
  3. Mandatory Ethical and Governance Standards: The Bill mandates the establishment of Ethics Commissions and Dispute Resolution Commissions at the NOC, NPC, and NSF levels. This ensures integrity, transparency, and fairness in decision-making processes. Governance will align with global best practices, making India a suitable host for major international events like the Olympics.
  4. Athletes Commissions: The formation of Athletes Commissions in NOC, NPC, and NSFs is compulsory under the Bill, ensuring athlete representation in decision-making processes. This strengthens India’s athlete-centered approach, making the country more attractive for global sports events. The Government will also provide additional funding for the Athlete Commissions.
  5. Athlete Representation in Executive Committees: The Bill ensures that 10% of the voting members in the General Body of the NOC, NPC, and NSFs will be sportspersons of outstanding merit (SOMs), elected by the Athletes Commission. At least two SOM representatives (one male and one female) must serve on the Executive Committee.
  6. Safe Sports Policy: A “Safe Sport Policy” will be introduced, focusing on protecting athletes, especially minors and women, from harassment and abuse. It will strictly enforce the Protection of Women from Sexual Harassment (POSH) Act, 2013, to ensure a safe environment for sportspersons.
  7. National Sports Promotion Organisations (NSPOs): The Bill establishes guidelines for recognizing and regulating NSPOs that promote sports governance, athlete support, and development, involving NGOs and private organizations in strengthening institutional capacities.
  8. Appellate Sports Tribunal: A dedicated Appellate Sports Tribunal will be formed to handle sports-related disputes, reducing dependency on civil courts and ensuring faster, more efficient resolution of grievances through a single-window system.
  9. Ad-hoc Normalization Committees: In cases of non-compliance or suspension of sports federations, the Sports Regulatory Board may form ad-hoc normalization committees, in consultation with international federations, to maintain continuity in sports governance.
  10. Global Anti-Doping and Ethical Standards: The Bill emphasizes ethical behavior in sports with strong anti-doping measures, strict compliance with international rules, and harsh penalties for violations, positioning India as a clean and fair host for global events.
  11. Public Accountability and Transparency: The Bill brings NOC, NPC, and NSFs under the Right to Information (RTI) Act, with specific exclusions for performance and medical data, enhancing transparency and accountability in sports governance.
  12. Inclusivity and Gender Representation: At least 30% of Executive Committee members must be female, ensuring gender representation in line with global trends of inclusivity and equality in sports.
  13. Sports Election Panel: The Bill mandates that IOA, PCI, and NSFs appoint electoral officers from a Sports Election Panel to conduct free and fair elections.
  14. Restrictions on National Name and Insignia Use: Only recognized sports bodies will be allowed to use the Indian flag or national names. Violation of this provision could result in fines or imprisonment of up to one year or a penalty of Rs 10 lakhs, or both.

Public Participation:

The Ministry has invited stakeholders and the general public to submit their suggestions/comments by email to draft.sportsbill[at]gov[dot]in by 25th October 2024.

The Draft National Sports Governance Bill 2024 can be accessed at https://yas.nic.in/sports/draft-national-sports-governance-bill-2024-inviting-comments-suggestions-general-public-and.



राष्ट्रीय खेल प्रशासन विधेयक, 2024

युवा मामले और खेल मंत्रालय ने राष्ट्रीय खेल प्रशासन विधेयक, 2024 का मसौदा सार्वजनिक रूप से परामर्श के लिए जारी किया है और जनता व हितधारकों से टिप्पणियाँ और सुझाव आमंत्रित किए हैं।

विधेयक के प्रमुख उद्देश्य:

  1. खेलों का विकास और खिलाड़ियों की भलाई: यह विधेयक खेलों के विकास और संवर्धन के साथ-साथ खिलाड़ियों के कल्याण के उपायों को सुनिश्चित करता है। इसमें नैतिक प्रथाओं और सुशासन के माध्यम से खेलों में नैतिकता और पारदर्शिता को प्रोत्साहित करने का प्रावधान है।
  2. खेल महासंघों की संस्थागत क्षमता: विधेयक खेल महासंघों के शासन के लिए एक स्थायी ढांचा तैयार करता है, जो ओलंपिक और खेल आंदोलन के बुनियादी सार्वभौमिक सिद्धांतों, ओलंपिक चार्टर, पैरालंपिक चार्टर, अंतरराष्ट्रीय सर्वोत्तम प्रथाओं और कानूनी मानकों पर आधारित है।
  3. खेल विवादों का समाधान: खेल संबंधी शिकायतों और विवादों के समाधान के लिए एक एकीकृत, न्यायसंगत और प्रभावी प्रणाली स्थापित करने का प्रावधान करता है।

विधेयक की प्रमुख विशेषताएँ:

  1. भारतीय खेल नियामक बोर्ड की स्थापना: यह बोर्ड राष्ट्रीय खेल महासंघों (NSFs) को मान्यता देने और सुशासन, वित्तीय और नैतिक मानकों का पालन सुनिश्चित करने के लिए केंद्रीय नियामक प्राधिकरण के रूप में कार्य करेगा। इसके पास देश में खेलों के शासन को विनियमित करने की लचीली और स्वायत्त शक्तियाँ होंगी। NSF की मान्यता के लिए कोई निश्चित फार्मूला निर्धारित नहीं है।
  2. IOA/PCI/NSF की संरचना: विधेयक खेल महासंघों की संरचना को अंतरराष्ट्रीय नीतियों और राष्ट्रीय हितों के अनुरूप बनाता है। इसमें कार्यकारी समिति के आकार को 15 सदस्यों तक सीमित किया गया है और नेतृत्व के पद नागरिकों के लिए खुले रहेंगे, जिसमें सामान्य शर्तें लागू होंगी। NSF को पूर्णकालिक पेशेवर प्रबंधन स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित किया गया है, जिसका नेतृत्व CEO करेगा। सभी मान्यता प्राप्त निकायों का संचालन ओलंपिक चार्टर, पैरालंपिक चार्टर और संबंधित अंतरराष्ट्रीय महासंघों द्वारा स्थापित नियमों के अनुसार किया जाएगा।
  3. नैतिक और सुशासन मानकों की अनिवार्यता: विधेयक खेल महासंघों में नैतिकता के शासन के लिए अनिवार्य प्रावधान प्रस्तुत करता है, जिसमें NOC, NPC, और NSF स्तर पर एथिक्स कमिशन और विवाद समाधान आयोगों की स्थापना की जाएगी। यह प्रशासन और निर्णय लेने की प्रक्रियाओं में पारदर्शिता, निष्पक्षता और अखंडता सुनिश्चित करेगा। यह सुनिश्चित करेगा कि खेल महासंघों का संचालन ओलंपिक और पैरालंपिक चार्टर के अनुरूप हो और अंतरराष्ट्रीय सर्वोत्तम प्रथाओं के साथ हो, जो ओलंपिक जैसे अंतरराष्ट्रीय आयोजनों की मेजबानी के लिए आवश्यक है।
  4. एथलीट्स कमिशन: इस विधेयक के अंतर्गत NOC, NPC और सभी NSF में एथलीट्स कमिशन की स्थापना अनिवार्य की गई है, जिससे एथलीटों को अपने मुद्दों को उठाने, निर्णय लेने की प्रक्रिया में भाग लेने और नीतियों के निर्माण में योगदान देने का मंच मिलेगा। यह एथलीट-केंद्रित दृष्टिकोण भारत की अंतरराष्ट्रीय मंचों में स्थिति को मजबूत करेगा और वैश्विक आयोजनों के लिए देश को और अधिक एथलीट-मित्रवत बनाएगा। सरकार द्वारा एथलीट्स कमिशन को अतिरिक्त धनराशि प्रदान की जाएगी।
  5. कार्यकारी समितियों में एथलीट प्रतिनिधित्व: विधेयक यह सुनिश्चित करता है कि NOC, NPC, और NSF के जनरल बॉडी के 10% मतदान सदस्य उत्कृष्टता प्राप्त खिलाड़ी (SOM) होंगे, जिन्हें एथलीट्स कमिशन द्वारा चुना जाएगा। इन SOM प्रतिनिधियों में से कम से कम दो (एक पुरुष और एक महिला) को कार्यकारी समिति में सेवा देना अनिवार्य होगा।
  6. सुरक्षित खेल नीति: “सुरक्षित खेल नीति” खेल में विशेष रूप से नाबालिगों और महिलाओं की सुरक्षा पर ध्यान केंद्रित करेगी, और खिलाड़ियों को उत्पीड़न और दुर्व्यवहार से बचाने के लिए POSH अधिनियम, 2013 का सख्ती से अनुपालन किया जाएगा। यह कदम खिलाड़ियों के लिए एक सुरक्षित वातावरण बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण है।
  7. राष्ट्रीय खेल संवर्धन संगठन (NSPOs): विधेयक NSPOs की मान्यता और विनियमन के लिए दिशानिर्देश स्थापित करता है, जो खेल प्रशासन, एथलीट समर्थन, और विकास को प्रोत्साहित करते हैं। यह एनजीओ और निजी संगठनों को अधिक भूमिका देकर संस्थागत क्षमताओं को मजबूत करता है।
  8. अपील खेल न्यायाधिकरण: विधेयक में खेल से संबंधित सभी विवादों के निपटारे के लिए एक समर्पित अपील खेल न्यायाधिकरण की स्थापना का प्रावधान है, जिससे सिविल अदालतों पर निर्भरता कम होगी और शिकायतों का त्वरित समाधान सुनिश्चित होगा। यह एकल खिड़की प्रणाली के माध्यम से विवादों का तेजी से और सस्ता समाधान प्रदान करेगा।
  9. अस्थायी सामान्यीकरण समितियाँ: विधेयक में यह प्रावधान है कि गैर-अनुपालन या खेल महासंघों के निलंबन के मामलों में, खेल नियामक बोर्ड अस्थायी सामान्यीकरण समितियाँ गठित कर सकता है, जो अंतरराष्ट्रीय महासंघों के साथ परामर्श करके इन निकायों का अस्थायी रूप से संचालन करेगी, जिससे खेल प्रशासन में निरंतरता सुनिश्चित हो सके।
  10. वैश्विक एंटी-डोपिंग और नैतिक मानकों का पालन: यह विधेयक खेलों में नैतिक आचरण को अत्यधिक महत्व देता है, जिसमें सख्त एंटी-डोपिंग उपाय, अंतरराष्ट्रीय नियमों का पालन और उल्लंघनों के लिए कठोर दंड शामिल हैं। यह भारत को एक साफ-सुथरी और निष्पक्ष मेजबान के रूप में प्रस्तुत करता है।
  11. सार्वजनिक उत्तरदायित्व और पारदर्शिता: विधेयक के तहत NOC, NPC, और NSF को सूचना का अधिकार (RTI) अधिनियम के अंतर्गत लाया जाएगा, जिसमें प्रदर्शन और चिकित्सा डेटा से संबंधित कुछ विशिष्ट छूटें होंगी। इससे खेल प्रशासन में पारदर्शिता और सार्वजनिक जवाबदेही सुनिश्चित होगी।
  12. समावेशिता और लैंगिक प्रतिनिधित्व को बढ़ावा: विधेयक कार्यकारी समितियों और अन्य शासी निकायों में 30% सदस्यों का महिला होना अनिवार्य करता है, जो खेलों में लैंगिक समानता और समावेशिता को प्रोत्साहित करता है।
  13. खेल चुनाव पैनल: IOA, PCI, और NSF को स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनावों के लिए खेल चुनाव पैनल से चुनाव अधिकारी नियुक्त करने होंगे। इस पैनल में वे अधिकारी शामिल होंगे, जिन्हें देश में चुनाव संचालन का व्यापक अनुभव होगा।
  14. राष्ट्रीय नाम और प्रतीक के उपयोग पर प्रतिबंध: केवल मान्यता प्राप्त खेल निकायों को भारतीय ध्वज या राष्ट्रीय नामों का उपयोग करने की अनुमति होगी। इसका उल्लंघन करने पर एक वर्ष तक की जेल या 10 लाख रुपये तक का जुर्माना, या दोनों दंड दिए जा सकते हैं।

जन भागीदारी:

मंत्रालय ने हितधारकों और आम जनता से अनुरोध किया है कि वे अपने सुझाव 25 अक्टूबर 2024 तक ईमेल द्वारा draft.sportsbill[at]gov[dot]in पर भेजें।

राष्ट्रीय खेल शासन विधेयक 2024 का मसौदा निम्न लिंक पर देखा जा सकता है:
https://yas.nic.in/sports/draft-national-sports-governance-bill-2024-inviting-comments-suggestions-general-public-and.





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