Vigyan Dhara Scheme

Vigyan Dhara scheme
Vigyan dhara scheme




Union Cabinet approves of the ‘Vigyan Dhara’ Scheme

On August 24, 2024, the Union Cabinet, chaired by Prime Minister Shri Narendra Modi, approved the continuation and merger of three umbrella schemes into a unified central sector scheme named ‘Vigyan Dhara’ under the Department of Science and Technology (DST).

Components of the Vigyan Dhara Scheme

The ‘Vigyan Dhara’ scheme is structured around three key components:

  1. Science and Technology (S&T) Institutional and Human Capacity Building
  2. Research and Development
  3. Innovation, Technology Development, and Deployment

Financial Outlay of Vigyan Dhara Scheme

The scheme is backed by a proposed budget of Rs. 10,579.84 crore, covering the 15th Finance Commission period from 2021-22 to 2025-26. The unification of these schemes is expected to enhance efficiency in fund utilization and foster greater synchronization among the various sub-schemes and programs.

Objectives and Impact of Vigyan Dhara Scheme

The primary objective of ‘Vigyan Dhara’ is to bolster S&T capacity building, research, innovation, and technology development, thereby strengthening the Science, Technology, and Innovation (STI) ecosystem in India. The scheme aims to:

  • Enhance the S&T infrastructure by developing well-equipped R&D labs in academic institutions.
  • Promote research in areas such as basic research, sustainable energy, water, and more.
  • Foster international collaborations through bilateral and multilateral cooperation.
  • Build a critical human resource pool to expand the country’s R&D base and increase the Full-Time Equivalent (FTE) researcher count.
  • Encourage greater participation of women in S&T, striving for gender parity in Science, Technology, and Innovation (STI).
  • Support innovations at all levels, from schools to higher education and in industries and startups, through targeted interventions.
  • Promote collaboration between academia, government, and industries.

Alignment with National Vision of Vigyan Dhara Scheme

All programs under ‘Vigyan Dhara’ are designed to align with DST’s 5-year goals and the broader vision of Viksit Bharat 2047. The research and development component will be in sync with the Anusandhan National Research Foundation (ANRF). The scheme’s implementation will adhere to globally recognized standards while remaining aligned with national priorities.





विज्ञान धारा योजना की कैबिनेट द्वारा मंजूरी

24 अगस्त 2024 को प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय कैबिनेट ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (DST) के अंतर्गत तीन छत्र योजनाओं के एकीकरण और निरंतरता को मंजूरी दी। इन योजनाओं को ‘विज्ञान धारा’ नामक एक एकीकृत केंद्रीय क्षेत्र योजना में समाहित किया गया है।

विज्ञान धारा योजना के घटक

‘विज्ञान धारा’ योजना तीन प्रमुख घटकों पर आधारित है:

  1. विज्ञान और प्रौद्योगिकी (S&T) संस्थागत और मानव क्षमता निर्माण
  2. अनुसंधान और विकास
  3. नवाचार, प्रौद्योगिकी विकास और तैनाती

विज्ञान धारा योजना हेतु वित्तीय प्रावधान

इस योजना के लिए 2021-22 से 2025-26 तक 15वें वित्त आयोग की अवधि के दौरान 10,579.84 करोड़ रुपये का प्रस्तावित बजट रखा गया है। इन योजनाओं के एकीकरण से निधियों के उपयोग में दक्षता बढ़ेगी और विभिन्न उप-योजनाओं/कार्यक्रमों के बीच बेहतर समन्वय स्थापित होगा।

विज्ञान धारा योजना के उद्देश्य और प्रभाव

‘विज्ञान धारा’ का मुख्य उद्देश्य S&T क्षमता निर्माण, अनुसंधान, नवाचार और प्रौद्योगिकी विकास को मजबूत करना है, जिससे भारत में विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार (STI) पारिस्थितिकी तंत्र को सुदृढ़ किया जा सके। इस योजना के उद्देश्यों में शामिल हैं:

  • शैक्षणिक संस्थानों में सुसज्जित R&D लैब्स विकसित करके S&T अवसंरचना को सुदृढ़ करना।
  • मूलभूत अनुसंधान, सतत ऊर्जा, जल आदि के क्षेत्रों में अनुसंधान को बढ़ावा देना।
  • द्विपक्षीय और बहुपक्षीय सहयोग के माध्यम से अंतर्राष्ट्रीय सहयोग को प्रोत्साहित करना।
  • देश के R&D आधार का विस्तार करने और पूर्णकालिक समतुल्य (FTE) शोधकर्ता संख्या बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण मानव संसाधन पूल का निर्माण करना।
  • विज्ञान और प्रौद्योगिकी (S&T) में महिलाओं की अधिक भागीदारी को प्रोत्साहित करना, और विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार (STI) में लैंगिक समानता प्राप्त करने का प्रयास करना।
  • स्कूल स्तर से लेकर उच्च शिक्षा, उद्योगों और स्टार्टअप्स तक, सभी स्तरों पर लक्षित हस्तक्षेपों के माध्यम से नवाचारों का समर्थन करना।
  • अकादमिक जगत, सरकार और उद्योगों के बीच सहयोग को बढ़ावा देना।

विज्ञान धारा योजना का राष्ट्रीय दृष्टिकोण के साथ संरेखण

‘विज्ञान धारा’ के तहत सभी कार्यक्रमों को DST के 5-वर्षीय लक्ष्यों और विकसित भारत 2047 के व्यापक दृष्टिकोण के साथ संरेखित किया गया है। योजना का अनुसंधान और विकास घटक ,अनुसंधान राष्ट्रीय अनुसंधान फाउंडेशन (ANRF) के साथ समन्वित रहेगा। योजना के कार्यान्वयन में वैश्विक मानकों का पालन किया जाएगा, जबकि यह राष्ट्रीय प्राथमिकताओं के अनुरूप भी होगा।







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