Women in Space Leadership Programme
On September 24, 2024, the Department of Science and Technology (DST), in collaboration with the British Council, launched the Women in Space Leadership Programme (WiSLP) under the UK-India Education and Research Initiative (UKIERI). This initiative marks a pivotal moment in strengthening gender-inclusive practices in space sciences, with Coventry University as the delivery partner.
Why is a Gender-inclusive approach crucial in space sciences?
Dr. Vandana Singh, Head of the Women in Science and Engineering (WISE)-KIRAN division at DST, emphasized the need for a gender-inclusive environment in space sciences. She pointed out that the development of a strategic leadership framework through this programme would empower women to contribute to scientific research and innovation. This not only creates equal opportunities but also brings diverse perspectives into critical areas like astrophysics, telecommunications, and engineering.
How will collaboration boost global efforts in STEM?
Michael Houlgate, Deputy Director of the British Council India, stressed the importance of collaboration in tackling global challenges. The underrepresentation of women in STEM fields, particularly in space sciences, remains a pressing issue, and initiatives like WiSLP aim to bridge this gap by nurturing female leadership.
What is the goal of the Women in space Leadership Programme?
The programme seeks to develop the leadership skills of 250 early career researchers, equipping them to overcome gender biases and build sustainable networks. Dr. Elena Gaura from Coventry University highlighted the importance of identifying women who can transform existing systems rather than merely fitting into them. By fostering such leadership, the programme aims to drive innovation and ensure that women’s voices are integral in shaping the future of space research.
How will mentorship and networking help women thrive?
A key component of the WiSLP is building sustainable mentoring networks. These networks will not only guide women in navigating the challenges of the space sciences field but also ensure a continued exchange of knowledge, fostering collaboration across disciplines. Prof. Annapurni Subramaniyam, Director of the Indian Institute of Astrophysics (IIA), encouraged women to engage with the growing field of space science early on, stressing the need for interdisciplinary knowledge spanning engineering, social sciences, and beyond.
What does this mean for the future of women in space sciences?
The Women in Space Leadership Programme signifies a shift towards greater inclusivity and empowerment in the space sciences. As academic and policy discussions continue to highlight the need for gender equity, this initiative sets a strong foundation for the integration of women in leadership roles, ensuring they are well-represented in the evolving landscape of space research.
Women in Space Leadership Programme: अंतरिक्ष विज्ञान में लैंगिक समावेशन की दिशा में महत्वपूर्ण कदम
24 सितंबर, 2024 को विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (DST) ने ब्रिटिश काउंसिल के सहयोग से Women in Space Leadership Programme(WiSLP) का शुभारंभ किया। यह पहल यूके-भारत शिक्षा और अनुसंधान पहल (UKIERI) का हिस्सा है और लैंगिक समावेशी प्रथाओं को मजबूत करने के उद्देश्य से की गई है। कोवेंट्री विश्वविद्यालय इस कार्यक्रम के कार्यान्वयन भागीदार के रूप में जुड़ा हुआ है।
अंतरिक्ष विज्ञान में लैंगिक समावेशन क्यों महत्वपूर्ण है?
DST के WISE-किरण प्रभाग की प्रमुख डॉ. वंदना सिंह ने अंतरिक्ष विज्ञान में लैंगिक समावेशी वातावरण की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि इस कार्यक्रम के माध्यम से एक रणनीतिक नेतृत्व ढांचा विकसित करके, महिलाओं को वैज्ञानिक अनुसंधान और नवाचार में महत्वपूर्ण योगदान करने के लिए सशक्त बनाया जा सकता है। यह न केवल समान अवसर प्रदान करता है बल्कि खगोल भौतिकी, दूरसंचार और इंजीनियरिंग जैसे महत्वपूर्ण क्षेत्रों में विभिन्न दृष्टिकोणों को भी जोड़ता है।
STEM में वैश्विक प्रयासों को सहयोग कैसे बढ़ाएगा?
ब्रिटिश काउंसिल इंडिया के उप निदेशक माइकल हौल्गेट ने वैश्विक चुनौतियों से निपटने में सहयोग के महत्व पर जोर दिया। STEM क्षेत्रों में, विशेषकर अंतरिक्ष विज्ञान में, महिलाओं की कम भागीदारी अभी भी एक गंभीर मुद्दा है। ऐसे कार्यक्रम इस अंतर को पाटने और महिला नेतृत्व को प्रोत्साहित करने का प्रयास करते हैं।
Women in Space Leadership Programme का उद्देश्य क्या है?
इस कार्यक्रम का लक्ष्य 250 प्रारंभिक करियर शोधकर्ताओं के नेतृत्व कौशल का विकास करना है, जिससे वे लिंग पूर्वाग्रहों को दूर कर सकें और स्थायी नेटवर्क बना सकें। कोवेंट्री विश्वविद्यालय की डॉ. एलेना गौरा ने इस बात पर जोर दिया कि हमें ऐसी महिलाओं की पहचान करनी चाहिए जो मौजूदा प्रणालियों में फिट होने के बजाय उन्हें बदलने की क्षमता रखती हों। इस तरह का नेतृत्व नवाचार को प्रोत्साहित करता है और यह सुनिश्चित करता है कि अंतरिक्ष अनुसंधान के भविष्य को आकार देने में महिलाओं की आवाज़ महत्वपूर्ण हो।
महिला वैज्ञानिकों को मार्गदर्शन और नेटवर्किंग कैसे मदद करेगी?
WiSLP का एक प्रमुख घटक स्थायी मार्गदर्शन नेटवर्क का निर्माण है। ये नेटवर्क महिलाओं को अंतरिक्ष विज्ञान के क्षेत्र की चुनौतियों को पार करने में सहायता करेंगे और ज्ञान के निरंतर आदान-प्रदान को सुनिश्चित करेंगे। भारतीय खगोल भौतिकी संस्थान (IIA) की निदेशक प्रो. अन्नपूर्णि सुब्रमणियम ने अंतरिक्ष विज्ञान के बढ़ते क्षेत्र में जल्दी शामिल होने के लिए महिलाओं को प्रेरित किया और इंजीनियरिंग, सामाजिक विज्ञान और अन्य क्षेत्रों के बीच अंतःविषय ज्ञान की आवश्यकता पर जोर दिया।
यह कार्यक्रम अंतरिक्ष विज्ञान में महिलाओं के भविष्य के लिए क्या मायने रखता है?
अंतरिक्ष नेतृत्व में महिलाओं के कार्यक्रम का उद्देश्य अंतरिक्ष विज्ञान में समावेश और सशक्तिकरण को बढ़ावा देना है। जैसा कि अकादमिक और नीति चर्चाएं लैंगिक समानता की आवश्यकता पर जोर देती हैं, यह पहल महिलाओं के नेतृत्व की भूमिकाओं को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण आधार स्थापित करती है और सुनिश्चित करती है कि अंतरिक्ष अनुसंधान के क्षेत्र में महिलाएं अपनी जगह बना सकें।