उत्तर प्रदेश में राज्य आपदा किसे माना गया है?

उत्तर प्रदेश में निम्नलिखित घटनाओं से होने वाली मृत्यु को राज्य आपदा घोषित किया गया है:

बेमौसम भारी वर्षा अतिवृष्टि, आकाशीय बिजली,

आंधी /तूफान,

लू- प्रकोप,

नाव दुर्घटना,

सर्पदंश,

सीवर सफाई एवं गैस रिसाव,

बोरवेल में गिरने से होने वाली दुर्घटना,

मानव वन्यजीव द्वंद,

कुआं, नदी, झील, तालाब ,पोखर, नहर ,नाला, गड्ढा, जलप्रपात में डूबकर होने वाली मृत्यु,

सांड एवं वनरोज( नीलगाय )के टक्कर से होने वाली मृत्यु,

आपदा /दुर्घटनावश डूब कर होने वाली मृत्यु तथा स्वेच्छा से डूब कर (सुसाइड )होने वाली मृत्यु में भेद किए जाने हेतु निम्नलिखित प्रक्रिया का पालन किया जाता है:

1.मृतक का पंचनामा किया जाएगा.

2.किसी भी अधिसूचित आपदा से जनहानि की दशा में उप जिलाधिकारी द्वारा पुष्टि के उपरांत ही राहत राशि का भुगतान किया जाता है ताकि आपदा राहत राशि के दुरुपयोग को पूर्णतया रोका जा सके. डूबकर होने वाली मृत्यु के संबंध में भी उप जिलाधिकारी द्वारा उक्त वर्णित प्रक्रिया का पालन किए जाने के उपरांत ही राहत राशि भुगतान किए जाने का निर्णय लिया जाता है.

3.आपदा/ दुर्घटनवश/डूब कर होने वाली मृत्यु तथा स्वेच्छा से डूब कर होने वाली मृत्यु में अंतर उक्त आधारों पर जिलाधिकारी द्वारा किया जाएगा. जिलाधिकारी द्वारा लिया गया निर्णय ही अंतिम होगा.

4.यदि किसी व्यक्ति की मृत्यु आत्महत्या या आपराधिक कृत्य के फलस्वरूप होती है तो ऐसी दशा में मृतक के आश्रित को कोई सहायता राशि नहीं दी जाएगी.

सर्पदंश से हुई मृत्यु के संबंध में निम्नलिखित प्रक्रिया का पालन किया जाता है:

1. मृतक का पंचनामा कराया जाना,

2. मृतक का पोस्टमार्टम कराए जाना,

3. पोस्टमार्टम के पश्चात मृतक की विसरा रिपोर्ट प्रिजर्व करने की आवश्यकता नहीं है,

4. सर्पदंश से मृत्यु की दशा में मृतक के आश्रितों को अधिकतम 7 दिन के अंदर अहेतुक सहायता उपलब्ध कराई जाती है.

राज्य आपदा के अंतर्गत दी जाने वाली धनराशि पूर्णतः राज्य आपदा मोचक निधि से दी जाती है .मृतक के आश्रित को ₹400000 सहायता धनराशि दी जाती है. आश्रित एक ही श्रेणी के एक से अधिक है तो सहमति की दशा में किसी एक आश्रित के खाते में तथा सहमति ना होने की दशा में अनुपातिक धनराशि प्रत्येक आश्रित को प्रदान किया जाता है.

राज्य कार्यकारिणी समिति का गठन

राज्य आपदा मोचक निधि के परिचालन, अधिकारियों के संबंध में नीति निर्धारण, क्रियान्वयन, अनुसरण एवं समीक्षा तथा मार्गदर्शन हेतु कार्यालय ज्ञाप दिनांक 6-04 -2016 को अवक्रमित करते हुए मुख्य सचिव, उत्तर प्रदेश शासन की अध्यक्षता में नई कार्यकारिणी का गठन किया गया है जिसमें मुख्य सचिव ,उत्तर प्रदेश अध्यक्ष 6सदस्य तथा एक संयोजक शामिल है. इसके अतिरिक्त अन्य विभागों के मुख्य सचिव/ प्रमुख सचिव/ सचिव को विशेष आमंत्रित सदस्य के रूप में बुलाया जा सकता है. समिति को यह अधिकार होता है कि वह कार्य हित में आवश्यकतानुसार अपने कुछ अधिकार समिति के किसी एक सदस्य अथवा एक से अधिक सदस्यों की उपसमिति को प्रतिनिहित कर दें .

भारत सरकार/ राज्य सरकार द्वारा अधिसूचित आपदाओं से संबंधित ऐसे मामलों , जिसके लिए राज्य कार्यकारिणी समिति अधिकृत है को राज्य आपदा मोचक निधि से तत्काल धनराशि स्वीकृत किए जाने की आवश्यकता हो और समिति के बैठक तत्काल बुलाना संभव ना हो तो प्रस्ताव पर मुख्य सचिव का अनुमोदन प्राप्त कर स्वीकृति प्रदान की जाएगी .भारत सरकार द्वारा निर्धारित दिशा निर्देशों के आलोक में राजस्व विभाग द्वारा राज्य आपदा मोचक निधि से संबंधित कार्यों से समिति की समय समय पर होने वाली बैठकों में अवगत कराते हुए अनुमोदन प्राप्त किया जाएगा.









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