उत्तर प्रदेश में भूमि को कितनी श्रेणी में बांटी गई है?

उत्तर प्रदेश में भूमि को मूलतः नौ श्रेणी में बांटी गई है ;सूची निम्नवत है:

उत्तर प्रदेश – भूमि प्रकार सूची
क्रम स.भूमि प्रकारभूमि प्रकार का विवरणभूमि प्रकार का कोड(गाटा यूनिक कोड का 15-16 अंक)
11ऐसी भूमि, जिसमें सरकार अथवा गाँवसभा या अन्य स्थानीय अधिकारिकी जिसे1950 ई. के उ. प्र. ज. वि.एवं भू. व्य. अधि.की धारा 117 – क के अधीन भूमि का प्रबन्ध सौंपा गया हो , खेती करता हो ।11
21-कभूमि जो संक्रमणीय भूमिधरों केअधिकार में हो।12
31क(क)रिक्त13
41-खऐसी भूमि जो गवर्नमेंट ग्रांट एक्ट केअन्तर्गत व्यक्तियों के पास हो ।14
52भूमि जो असंक्रमणीय भूमिधरो केअधिकार में हो।21
63भूमि जो असामियों के अध्यासन या अधिकारमें हो।31
74भूमि जो उस दशा में बिना आगम केअध्यासीनों के अधिकार में हो जब खसरेके स्तम्भ 4 में पहले से ही किसी व्यक्तिका नाम अभिलिखित न हो।41
84-कउ.प्र. अधिकतम जोत सीमा आरोपण.अधि.अन्तर्गत अर्जित की गई अतिरिक्त भूमि -(क)जो उ.प्र.जोत सी.आ.अ.के उपबन्धो केअधीन किसी अन्तरिम अवधि के लिये किसी पट्टेदार द्वारा रखी गयी हो ।42
94-क(ख)अन्य भूमि ।43
105-1कृषि योग्य भूमि – नई परती (परतीजदीद)51
115-2कृषि योग्य भूमि – पुरानी परती (परतीकदीम)52
125-3-ककृषि योग्य बंजर – इमारती लकड़ी केवन।53
135-3-खकृषि योग्य बंजर – ऐसे वन जिसमें अन्यप्रकर के वृक्ष,झाडि़यों के झुन्ड,झाडि़याँ इत्यादि हों।54
145-3-गकृषि योग्य बंजर – स्थाई पशुचर भूमि तथा अन्य चराई की भूमियाँ ।55
155-3-घकृषि योग्य बंजर – छप्पर छाने की घास तथा बाँस की कोठियाँ ।56
165-3-ङअन्य कृषि योग्य बंजर भूमि।57
175-क (क)वन भूमि जिस पर अनु.जन. व अन्य परम्परागत वन निवासी (वनाधिकारों की मान्यत्ाा) अधि. – 2006 के अन्तर्गत वनाधिकार दिये गये हों – कृषि हेतु58
185-क (ख)वन भूमि जिस पर अनु.जन. व अन्य परम्परागत वन निवासी (वनाधिकारों की मान्यत्ाा) अधि. – 2006 के अन्तर्गत वनाधिकार दिये गये हों – आबादी हेतु59
195-क (ग)वन भूमि जिस पर अनु.जन. व अन्य परम्परागत वन निवासी (वनाधिकारों की मान्यत्ाा) अधि. – 2006 के अन्तर्गत वनाधिकार दिये गये हों – सामुदायिक वनाधिकार हेतु60
206-1अकृषिक भूमि – जलमग्न भूमि ।61
216-2अकृषिक भूमि – स्थल, सड़कें, रेलवे,भवन और ऐसी दूसरी भूमियां जोअकृषित उपयोगों के काम में लायी जाती हो।62
226-3कब्रिस्तान और श्मशान (मरघट) , ऐसेकब्रस्तानों और श्मशानों को छोड़ करजो खातेदारों की भूमि या आबादी क्षेत्र में स्थित हो।63
236-4जो अन्य कारणों से अकृषित हो ।64
247भूमि जो असामियों के अघ्यासन या अधिकारमें हो।71
259भूमि के ऐसे अध्यासीन जिन्होने खसरे के स्तम्भ 4 में उल्लिखित व्यकि्त की सम्मतिके बिना भूमि पर अधिकार कर लिया हो।91








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