भारतीय नागरिक से भिन्न व्यक्तियों द्वारा उत्तर प्रदेश में भूमि प्राप्त करने की प्रक्रिया

क्या भारतीय नागरिक से भिन्न व्यक्ति / विदेशी नागरिक उत्तर प्रदेश में भूमि प्राप्त कर सकते है?

इस संबंध में उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता 2006 की धारा 90 में भारतीय नागरिक से भिन्न व्यक्तियों द्वारा भूमि का अर्जन किए जाने पर प्रतिबंध आरोपित किया गया है. भारतीय नागरिक से भिन्न किसी व्यक्ति को दान, विक्रय या किसी अन्य रीति से उस के पक्ष में अंतरण नहीं किया जा सकता है .प्रतिबंध यह है कि राज्य सरकार की लिखित पूर्वानुमति से भारतीय नागरिक से भिन्न व्यक्ति उत्तर प्रदेश में भूमि प्राप्त / अर्जन कर सकते हैं. यहां भारतीय नागरिक में कोई कंपनी, एसोसिएशन ,बॉडी ऑफ इंडिविजुअल चाहे वह निगमित हो या नहीं जो पूर्णतया या मौलिक रूप से भारतीय नागरिकों के स्वामित्व या नियंत्रण में है, माना गया है.

उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता 2006 की धारा 113 द्वारा भारतीय नागरिक तथा भारतीय मूल के व्यक्ति से भिन्न व्यक्ति को विरासत के आधार पर अर्थात वसीयत/ उत्तराधिकार द्वारा भूमि के अर्जन पर प्रतिबंध लगाया गया है.

यदि राजस्व संहिता की धारा 90 तथा 113 के उल्लंघन में भूमि का अंतरण अथवा प्राप्त किया जाता है तो उल्लंघन का परिणाम क्या होगा?

धारा 90 के उल्लंघन में यदि भूमि का अंतरण किया जाता है तो ऐसा अंतरण राजस्व संहिता की धारा 104 के अंतर्गत void(शून्य) माना जाएगा और धारा 105 के अनुसार अंतरण करने वाले तथा भूमि प्राप्त करने वाले दोनों का हित समाप्त हो जाएगा तथा ऐसी भूमि राज्य सरकार में निहित हो जाएगी.

परंतु यदि धारा 113 के उल्लंघन में किसी विदेशी नागरिक के पक्ष में वसीयत अथवा वरासत क्या जाता है तो धारा 104 एवं 105 के प्रावधान लागू नहीं होंगे क्योंकि वसीयत के आधार पर अंतरण नहीं किया जाता है. ऐसा वसीयत शुरू से ही void (शून्य)और निष्प्रभावी माना जाएगा. संबंधित संपत्ति अर्थात भूमि राज्य सरकार में निहित नहीं मानी जाएगी.

यदि कोई विदेशी नागरिक उत्तर प्रदेश में राज्य सरकार के पूर्वानुमति से भूमि प्राप्त करता है और उसकी मृत्यु हो जाती है तो उसके वारिसों को भूमि उत्तराधिकार में प्राप्त होगा या नहीं?

उक्त प्रश्न का उत्तर है ,नहीं .ऐसे मामले में भी धारा 113 लागू होगी और ऐसा विदेशी नागरिक ना तो मृत्यु के पूर्व वसीयतनामा निष्पादित कर सकते हैं और ना ही उसके उत्तराधिकारी उस भूमि के संबंध में वरासत का दावा कर सकेंगे. ऐसी भूमि राज्य सरकार में निहित मानी जाएगी.

विदेशी नागरिक राज्य सरकार से भूमि अर्जन हेतु किस प्रकार अनुमति प्राप्त कर सकते हैं?

भारतीय नागरिक से भिन्न कोई विदेशी नागरिक यदि दान या विक्रय द्वारा राज्य सरकार की अनुमति से भूमि प्राप्त करना चाहते हैं तो सचिव, राजस्व विभाग को संबोधित आवेदन पत्र प्रस्तुत करना होगा. आवेदन में निम्न विवरण होंगे- (1)आवेदक का नाम, पिता का नाम ,पता, (2)पासपोर्ट के प्रथम पृष्ठ की प्रति ,(3)भारत में निवास करने की स्थिति,(4) भारत से बाहर निवास करने की स्थिति में पिछले 5 वर्षों में जिन देशों में रह रहे हो उसका विवरण ,(5)भूमि का विवरण ,(6)विक्रेता का विवरण,(7)अंतरण के प्रकार( धान/ विक्रय आदि द्वारा) ,(8)भूमि के अर्जन का उद्देश्य(9)यदि कंपनी/ निकाय द्वारा भूमि अर्जन किया जा रहा है तो उनके सदस्यों का पूर्ण विवरण.

राज्य सरकार आवेदन को स्वीकार या खारिज कर सकती है .यदि आवेदन स्वीकृत किया जाता है तो संबंधित जिले के कलेक्टर को सूचित किया जाएगा. प्रार्थना पत्र प्राप्त होने पर राज्य सरकार आवश्यक जांच करा सकती है और ऐसी जांच हेतु अपेक्षित शुल्क भी जमा करवा सकती है.









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