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विशेष कौशल विकास के माध्यम से महिलाओं का सशक्तिकरण: एमएसडीई और एमडब्ल्यूसीडी की एक नई पहल
किशोरियों और महिलाओं को सशक्त बनाने के उद्देश्य से कौशल विकास और उद्यमिता मंत्रालय (MSDE) ने महिला एवं बाल विकास मंत्रालय (MWCD) के सहयोग से एक विशेष कौशल विकास परियोजना शुरू की है। यह पायलट परियोजना, जो नौ राज्यों के 27 आकांक्षी जिलों को लक्षित करती है, युवतियों को गैर-पारंपरिक और उच्च मांग वाले करियर के लिए तैयार करने के लिए एक रणनीतिक प्रयास है, जो देशव्यापी कार्यक्रम के पहले चरण के रूप में कार्य करेगा।
कार्यबल में महिलाओं की भागीदारी के अंतर को पाटना
इस पहल का उद्देश्य उन बाधाओं को तोड़ना है जो महिलाओं को कार्यबल में प्रवेश करने से रोकती हैं, विशेषकर उन क्षेत्रों में जहां पारंपरिक रूप से महिलाओं की भागीदारी कम रही है। यह परियोजना प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (PMKVY) 4.0 के तहत लगभग 4000 लाभार्थियों को प्रशिक्षण प्रदान करने पर केंद्रित है। प्रशिक्षण में गैर-पारंपरिक नौकरी के क्षेत्रों के साथ-साथ डिजिटल कौशल, सॉफ्ट स्किल्स और अन्य आवश्यक जीवन कौशल पर जोर दिया जाएगा। इसके अतिरिक्त, परियोजना में परामर्श, करियर मार्गदर्शन, वित्तीय साक्षरता और नौकरी प्लेसमेंट सहायता जैसी व्यापक सहायता भी प्रदान की जाएगी।
सफल कार्यान्वयन के लिए क्षमता निर्माण
परियोजना के सफल कार्यान्वयन को सुनिश्चित करने के लिए, बाल विकास परियोजना अधिकारियों (CDPOs) के लिए एक ओरिएंटेशन सत्र आयोजित किया गया। इन सत्रों का उद्देश्य उन्हें कार्यक्रम के आधिकारिक शुभारंभ के लिए तैयार करना है, जिसे उसकी प्रभावशीलता के लिए बारीकी से देखा जाएगा। यदि यह पायलट सफल होता है, तो कार्यक्रम का देशव्यापी विस्तार किया जाएगा, जिससे भारत भर में अनगिनत महिलाओं को लाभ मिलेगा।
आर्थिक स्वतंत्रता के लिए महिलाओं का सशक्तिकरण
इस परियोजना का लक्ष्य औपचारिक अर्थव्यवस्था में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ाना है, जो वर्तमान में 37% है। सरकार का लक्ष्य इसे 60% तक बढ़ाना है, जो वैश्विक मानकों के अनुरूप है। उच्च मांग वाले क्षेत्रों में प्रशिक्षण प्रदान करके और इंटर्नशिप और अप्रेंटिसशिप के लिए स्थानीय व्यवसायों के साथ जुड़ाव को बढ़ावा देकर, यह पहल न केवल महिलाओं को कार्यबल के लिए तैयार करेगी बल्कि उन्हें स्वतंत्र और आत्मनिर्भर जीवन जीने के लिए भी सशक्त बनाएगी।
महिला-नेतृत्व विकास की ओर एक कदम
दोनों मंत्रालयों ने महिलाओं के विकास से महिला-नेतृत्व विकास की ओर स्थानांतरण के महत्व पर जोर दिया है, जहां महिलाएं भारत की प्रगति में अग्रणी भूमिका निभाती हैं। यह परियोजना उस दृष्टि को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है, यह सुनिश्चित करते हुए कि देश भर की महिलाओं के पास राष्ट्र की वृद्धि और समृद्धि में योगदान देने के लिए आवश्यक कौशल और अवसर हैं।
निष्कर्ष
यह विशेष कौशल विकास परियोजना कार्यबल में महिलाओं की भागीदारी में लैंगिक अंतर को पाटने के लिए सरकार का एक महत्वपूर्ण प्रयास है। पीएमकेवीवाई और स्किल इंडिया डिजिटल हब (SIDH) के मौजूदा बुनियादी ढांचे का उपयोग करके, कार्यक्रम यह सुनिश्चित करता है कि महिलाओं को आज की अर्थव्यवस्था में सफल होने के लिए आवश्यक प्रशिक्षण और समर्थन मिले। जैसे-जैसे यह पायलट प्रोजेक्ट आगे बढ़ेगा, यह हजारों महिलाओं के जीवन को बदलने की क्षमता रखता है, जिससे भारत में एक अधिक समावेशी और न्यायसंगत कार्यबल का मार्ग प्रशस्त होगा।