हैसियत प्रमाण पत्र बनाने की क्या प्रक्रिया है?

हैसियत प्रमाण पत्र बनाने में संपत्ति का मूल्यांकन किसके द्वारा किया जाता है?

ऑनलाइन हैसियत प्रमाण पत्र जारी करने के संबंध में यह आवेदक की इच्छा पर निर्भर करेगा कि वह अपनी संपत्ति के मूल्यांकन की जांच संबंधित तहसील के माध्यम से करवाना चाहता है या सरकार द्वारा मान्यता प्राप्त मूल्यांकनकर्ता government approved valuer(GAV) से. यहां (GAV) का आशय wealth tax act 1957 की धारा 34 AB के अंतर्गत पंजीकृत valuer से है.

हैसियत प्रमाण पत्र बनाने हेतु ऑनलाइन आवेदन की क्या प्रक्रिया है?

आवेदक e-district के वेबसाइट(edistrict.up.nic.in) पर सिटीजन लॉगिन के द्वारा ऑनलाइन / जन सेवा केंद्र पर प्रार्थना पत्र भरने के लिए अपना नाम व मोबाइल नंबर आवेदन पत्र में भरेंगे, जिसका सत्यापन पंजीकृत मोबाइल नंबर पर ओटीपी द्वारा किया जाएगा. सत्यापन के पश्चात प्रार्थना पत्र का शेष भाग निर्धारित प्रारूप पर ऑनलाइन /जन सेवा केंद्र पर, आवश्यक संलग्नको सहित भरा जाएगा. आवेदक द्वारा हैसियत प्रमाण पत्र का प्रयोजन भी उल्लेखित किया जाएगा. तत्पश्चात यह प्रार्थना पत्र जिलाधिकारी की यूजर आईडी पर प्रेषित किया जाएगा.

हैसियत प्रमाण पत्र बनाने हेतु तहसील के माध्यम से संपत्ति के मूल्यांकन की क्या प्रक्रिया है?

जिलाधिकारी कार्यालय से प्रार्थना पत्र ऑनलाइन ही संबंधित उप जिलाधिकारी व तहसीलदार के user-id पर यथासंभव उसी दिन अथवा अगले कार्य दिवस में अग्रसारित किया जाएगा( अपरिहार्य परिस्थितियों में अधिकतम 3 कार्य दिवस). तहसीलदार उस प्रार्थना पत्र का प्रिंट निकालकर जांच के लिए संबंधित राजस्व निरीक्षक/ लेखपाल को अधिकतम 2 कार्य दिवस में देंगे. लेखपाल प्रार्थना पत्र दिए गए संपत्तियों के स्वामित्व की जांच करेंगे तथा प्रार्थी का स्वामित्व संबंधी दावा सही पाए जाने की स्थिति में जिलाधिकारी द्वारा निर्धारित सर्किल रेट व निर्माण के स्तर के आधार पर संपत्ति का मूल्यांकन नियत प्रारूप पर अंकित करते हुए अपनी स्पष्ट आख्या अधिकतम 10 दिनों में प्रेषित करेंगे.

राजस्व निरीक्षक लेखपाल आख्या का परीक्षण कर अपनी आख्या तहसीलदार को अधिकतम 4 कार्य दिवस में प्रेषित करेंगे. तहसीलदार राजस्व निरीक्षक की आख्या अधिकतम 3 दिवस में ऑनलाइन उपजिलाधिकारी को प्रेषित करेंगे. उप जिलाधिकारी तहसीलदार द्वारा ऑनलाइन प्रेषित की गई आख्या के सभी बिंदुओं का परीक्षण कर अपनी संस्तुति सहित आख्या जिलाधिकारी को अधिकतम 3 कार्य दिवस में प्रेषित करेंगे. यदि किसी स्तर पर कोई आपत्ति की जाती है तो आपत्तिकर्ता तथा आवेदक को एक साथ बुलाकर आपत्ति का निराकरण करते हुए अधिकतम 5 दिनों में आख्या को अग्रसारित की जाएगी.

हैसियत प्रमाण पत्र बनाने के लिए गवर्नमेंट अप्रूव्ड वेल्युर(GAV) के माध्यम से संपत्ति के मूल्यांकन की प्रक्रिया

ऑनलाइन आवेदन प्रक्रिया में आवेदक द्वारा GAV का विकल्प चुने जाने पर प्रार्थना जिलाधिकारी कार्यालय से अधिकतम 3 कार्य दिवस मेंऑनलाइन ही संबंधित GAV को उनके user-id पर प्रेषित किया जाएगा. संबंधित GAV द्वारा अपनी मूल्यांकन आख्या निर्धारित प्रारूप पर सीधे जिलाधिकारी को अधिकतम 15 कार्य दिवस में प्रेषित की जाएगी. ऐसी स्थिति में संपत्ति के स्वामित्व एवं मूल्यांकन की सत्यता व वैधानिकता का पूर्ण दायित्व संबंधित GAV का होगा.

हैसियत प्रमाण पत्र बनाने में चल संपत्ति के मूल्यांकन की क्या प्रक्रिया है?

चल संपत्ति का मूल्यांकन संबंधित GAV अथवा चल संपत्ति की प्रकृति के आधार पर संबंधित सक्षम प्राधिकारी द्वारा किया जाएगा. उदाहरण के लिए मोटर वाहन आदि के लिए परिवहन विभाग का प्राधिकृत अधिकारी, बैंक खाते में उपलब्ध धनराशि हेतु संबंधित बैंक शाखा का प्रबंधक, अन्य वित्तीय निवेश में जैसे म्युचुअल फंड, शेयर , बॉन्ड आदि के लिए चार्टर्ड अकाउंटेंट. संबंधित अधिकारी द्वारा दिए गए संपत्ति के मूल्यांकन संबंधी आख्या का विवरण आवेदक द्वारा अपने आवेदन पत्र के साथ अपलोड किया जाएगा.

हैसियत प्रमाण पत्र बनाने हेतु जिलाधिकारी कार्यालय द्वारा परीक्षण एवं प्रमाण पत्र के निर्गमन की प्रक्रिया

जिलाधिकारी कार्यालय स्तर पर तहसील/ GAV/ सक्षम प्राधिकारी द्वारा प्रस्तुत / अग्रसारित अभिलेखों की जांच की जाएगी एवं तहसील/GAV द्वारा प्रेषित अचल संपत्ति के मूल्यांकन में GAV/ सक्षम प्राधिकारी द्वारा प्रदत चल संपत्ति के मूल्यांकन को जोड़कर आवेदक की कुल हैसियत का आकलन किया जाएगा. चल संपत्ति का मूल्यांकन भार मुक्त अचल संपत्ति के मूल्यांकन के आधे से अधिक नहीं होगा.

यदि उप जिलाधकारी /GAV/ सक्षम प्राधिकारी द्वारा प्रेषित मूल्यांकन आख्या पर आवेदक को कोई आपत्ति है तो आवेदक उप जिलाधिकारी /GAV/ सक्षम प्राधिकारी द्वारा प्रेषित मूल्यांकन आख्या पर अधिकतम 2 कार्य दिवस में आपत्ति कर सकेगा.

जिलाधिकारी प्राप्त आख्याओं एवं अभिलेखों के परीक्षण उपरांत व यदि कोई आपत्ति प्राप्त होती है तो आवश्यकतानुसार व्यक्तिगत सुनवाई का अवसर प्रदान करते हुए, उसका निराकरण करने के उपरांत प्रार्थना पत्र का निस्तारण करेंगे, वह नियत प्रारूप पर हैसियत प्रमाण पत्र जारी करेंगे अथवा कारण लिखित करते हुए आवेदन को निरस्त करेंगे( अधिकतम पांच कार्य दिवस में).

हैसियत प्रमाण पत्र बनवाने में अधिकतम अवधि कितनी निर्धारित है?

आवेदक द्वारा ऑनलाइन आवेदन किए जाने की तिथि से जिलाधिकारी द्वारा आपत्ति प्राप्त ना होने की स्थिति में अधिकतम 30 कार्य दिवस में ऑनलाइन हैसियत प्रमाण पत्र निर्गत किया जाएगा.

हैसियत प्रमाण पत्र जारी करने के संबंध में यदि आवेदक की संपत्ति विभिन्न स्थानों पर है तो प्रमाण पत्र जारी करने की क्या प्रक्रिया निर्धारित की गई है?

हैसियत प्रमाण पत्र जारी करने की इकाई जिला निर्धारित की गई है अर्थात यदि किसी व्यक्ति की एक से अधिक तहसीलों में संपत्ति है तो जनपद में जिलाधिकारी सभी तहसीलों से आख्या प्राप्त कर जनपद स्तर से एकीकृत हैसियत प्रमाण पत्र जारी करेंगे .अलग-अलग जनपदों के लिए प्रत्येक जनपद से अलग-अलग हैसियत प्रमाण पत्र प्राप्त किया जाएगा.

हैसियत प्रमाण पत्र के संबंध में अन्य महत्वपूर्ण तथ्य

  • प्रमाण पत्र की वैधता प्रमाण पत्र निर्गत करने की तिथि से 3 वर्षों की होगी.
  • हैसियत प्रमाण पत्र के लिए हैसियत के रूप में यदि बैंक में जमा धनराशि दिखाई जाती है तो वह धनराशि आवेदन के दिनांक से कम से कम 3 महीने पहले से बैंक में जमा होनी चाहिए.
  • आवेदक की हैसियत जारी करते समय इस बात का ध्यान रखा जाएगा कि अचल संपत्ति एवं चल संपत्ति के मूल्यांकन का अनुपात 2:1 हो अर्थात हैसियत प्रमाण पत्र में दर्शाई की कुल मूल्यांकन में चल संपत्ति का मूल्य अचल संपत्ति भार मुक्त के मूल्यांकन का आधा या उससे कम मान्य किया जाएगा.

यदि हैसियत प्रमाण पत्र ठेकेदारी के लिए जारी की जा रही है तो आवेदक द्वारा प्रस्तुत बंधक परिसंपत्तियों को मूल्यांकन में शामिल नहीं किया जाएगा.

यदि आवेदन ठेकेदारी प्रयोजन के लिए न होकर आर्थिक स्थिति के आधार पर शिक्षा, रोजगार में आरक्षण अथवा विभिन्न शासकीय योजनाओं/ कार्यक्रमों के अंतर्गत कोई आर्थिक लाभ प्राप्त करने के लिए है तो आवेदक द्वारा प्रस्तुत आवेदन के आधार पर बंधक परिसंपत्तियों को भी मूल्यांकन हेतु शामिल किया जाएगा.

  • आवेदक द्वारा दिए गए संपत्ति के विवरण संबंधी सूचना की सत्यता एवं वैधानिकता का उत्तरदायित्व स्वयं आवेदक का होगा. आवेदक द्वारा हैसियत प्रमाण पत्र हेतु गलत सूचना दिए जाने की स्थिति में उसके विरुद्ध वैधानिक कार्रवाई की जा सकेगी. जांच एजेंसी द्वारा जांच में शिथिलता की जाती है तो संबंधित जांच एजेंसी अर्थात राजस्व कर्मी अथवा GAV के विरुद्ध कार्रवाई की जा सकेगी.
  • हैसियत प्रमाण पत्र के आवेदन हेतु आवेदन शुल्क ₹100 देय होगा.जनसेवा केंद्र से आवेदन करने पर जन सेवा केंद्र की फीस के रूप में ₹10 अतिरिक्त शुल्क देय होगा.








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